पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५५९

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१० पब्वै] प्रागम- की १ पुस्तक ५५.२ पास बिनयमीन के सिवाने के जिलज़ह में पाओगे और वे तुझे कहेंगे कि जिन गदहों को तू दंढने गया था से मिले और अब तेरा पिता गदहे। की चिंता छोड़ कर तेरे लिये कुढ़ता है और कहना है कि मैं अपने बेटे के लिये क्या करूं ॥ ३ । तब तू वहां से आगे बढ़ेगा और तबूर के चौगान को पहुंचेगा और वहां तुझ तीन जन मिलेंगे जो वैतएल के ईश्वर कने चले जाने होंगे एक तो बकरी के तीन मेम्ना लिये हुए और दूमरा तीन रोटी और तीसरा एक कुप्पा दाख रस ॥ ४। और वे तेरा कुप्रास्न पूकेंगे और दे। रोटी तुझे देंगे तू उन के हाथ से ले लीजियो । ५ । उस के पौधे तू ईश्वर के पहाड़ पाम जहां फिलिस्तियों को चौकी है पहुंचेगा और जब नगर में प्रवेश करेगा ऐसा होगा कि ज्ञानियों को एक जथा पावेगा जो ऊंचे स्थान से उतरती होगी जिन के आगे आगे मुरसंग और ढोलक और बांसुरी और बीणा होंगे और वे भविष्य कहेंगे ॥ ६ । तब परमेश्वर का श्रात्मा तुझ पर उतरेगा और तू भी उन के साथ भविष्य कहेगा और और ही एक मनुष्य हो जायगा । ७। और यों होगा कि जब त ये चिन्ह पावे फिर जैमा मयोग होवे वैसा कीजियो क्योंकि ईश्वर तेरे साथ है। ८। और मेरे आगे तू जिलजाल को उतरियो और देख नै तुम पास उतरूंगा जिसने होम कौ भेंट और कुशल की भेंट बलि करूं सो त मात दिन लो वहीं ठहरियो जव लां में तुझ पास पाऊँ और तुझे बताऊं कि तू क्या क्या करेगा॥ । और मा हुआ कि ज्यों ही उम ने ममएल से जाने को पीठ फेरी त्योंही ईश्वर ने उसे दृसरा मन दिया और वे सब लक्षाण उस ने उसी दिन पाये ॥ १.। और जब वे उधर पहाड़ को आये तो क्या देखते हैं कि अागमज्ञानियों को एक जया उन्हें मिली और ईश्वर का श्रादाा उम पर उतरा और युद्ध उन में भविष्य कहने लगा। ११। और यो हुआ कि जब उभ के अगले जान पहिचानों ने यह देखा कि बुह अागमज्ञानियों के मध्य भविष्य कहता है तब लोगों ने आपस में कहा कि कीम के बेटे को क्या हुश्रा क्या साकल भी आगमज्ञानियों में है। १२। तदपक ने उन में से उत्तर दिया और कहा कि उन का पिता कौन है सब हो से यह कहावत चनी कि क्या माऊल भो आगमज्ञानिया में है। ON