पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५६१

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५५ १२ पचे] की १ पुस्तक ॥ और साल भी अपने घर जिबित को गया और उस के साथ लोगों की एक जथा जिन के मन को ईपर ने फेर दिया था हो लिई॥ परंतु दुष्टजन बोले कि यह जन हमें क्योकर वचावेगा और उस की निंदा किई और उस के पास भट न लाये पर वुह अनमुने के समान हो रहा ॥ ११ ग्यारहवां पर्च। त ब अम्मनी नाहस चढ़ा और यबीमजिनिअद के साम्ने कावनी किई तब यबीस के सब लोगों ने नाम से कहा कि हम से बाचा बांध और हम तेरी सेवा करेंगे॥ २। और अम्मनी नाहस ने उन्हें उत्तर दिया कि इस बात पर मैं तुम से बाचा बांधूंगा कि मैं तुम सभी की हर एक दाहिनी अांख निकाल डालू और समस्त इमराएल के अपमान के लिये धरूं। ३। तब यबोम के प्राचीनों ने उसे कहा कि हमें सात दिन की छुट्टी दे जिसने हम इन राएल के मारे सिवानों में दूत भेजें यदि कोई उद्दारक न ठहरे तब हम तुझ पास निकलेंगे । ४। तब साजन के दूत जिवियः में पहुंचे और लोगों के कान लो यह संदेश पहुंचाया तब सब लोगों ने चिजा चिन्ना के विलाप किया॥ ५। और देखो कि माऊल खेत से ढार के पौके पीछे चला जाता था और माऊल ने कहा कि क्या है कि लेग बिलाप करते हैं और उन्हों ने यबौमियों का संदेश उसे कह सुनाया। ई। इन संदेशों को सुनते ही माजन्न पर ईश्वर का आत्मा पड़ा और उम का क्रोध अत्यंत भड़का ॥ ७। और उस ने एक जाड़ा बैल लिया और उन्हें टुकड़ा टुकड़ा किया और उन्हें दूनों के हाथ इसराएल के सारे मिचाने में यह कहके भेजा कि जो कोई नाजल और समूएल के पौधे पोछन निकल आवेगा उम के बैलों की यही दशा हेगौ तव लोगों पर परमेश्वर का डर पड़ा और वे एक जन को नाई निकल आये। । और उस ने उन्हें बजक में गिना दुसराएल के संतान तीन लाख थे और यहदाह के मनुष्य ११ और उन्हों ने उन दूतों को कहा कि तुम यबौजिनिअद के लोगों को कहा कि कल मूर्य को तपन हाने हो तुम छुटकारा पायोगे और दूतों ने बाके यवोस के मनुष्यों से [A. B.S.] तीम महस 70