पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५६३

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१२ पर्च की। पुम्तक । ५५५ हाथ में तुम ने कुछ न पाया वे बोले कि वुह साक्षी है॥ ६। फिर समूएन ने लोगों से कहा कि परमेश्वर ने मूमा और हारून को बढ़ाया और तुम्हारे पितरों को मिस के देश से ऊपर निकान्न लाया ॥ सो अब उहर जाओ जिति मैं परमेश्वर के आगे उन भव भलाइयों के कारण जो परमेश्वर ने तुम से और तुम्हारे पितरो के माथ किई तुम से विचार करूं। ८। जब यअकब मिस्र में आया और तुम्हारे पितर परमेभार के आगे चिनाये तब परमेश्वर ने ममा औरर हारून को बुलाया वे तुम्हारे पितरों को मिस्र से निकाल नाये और उन्हें इस स्थान में बमाया। । और जब वे परमेश्वर अपने ईश्वर को मान गये उस ने उन्हें हसर को सेना के प्रधान मौमरा के हाथ और फिलिस्तियों के हाथ और मोअब के राजा के हाथ बेचा और वे उन से लड़े ॥ १.१ फिर वे परमेश्वर के आगे चिन्ना के बोले कि हम ने पाप किया क्योंकि हम ने परमेश्वर को त्याग किया और बअनौम और इमनारात की सेवा किई परंतु अब हमारे वैरियों के हाथ से हमें छुड़ा पार हम तेरौ सेवा करेंगे । ११। फिर परमेश्वर ने यरुब्बाल और बिहान और इफताह और ममूएल को भेजा और तुम्हें तुम्हारे चारों ओर के घेरियों के हाथ से बचाया और तुम ने चैन पाया ॥ १२। और जब तुन ने देखा कि अम्मन के संतान का राजा नाइस तुम पर चढ़ आया तव तुम ने मुझे कहा कि नहीं परंतु राजा हम पर.राज्य करे जब कि परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर तुम्हारा राजा था॥ १३। से। अब देखे। तुम्हारा राजा जिसे चुन लिया और जिसे तुम ने मांगा और देखा परमेश्वर ने तुम पर एक राजा ठहराया ॥ १४ । यदि तुम परमेश्वर से डरते रहोगे और उस की सेवा करोगे और उम का शब्द मानोगे और परमेश्वर के मन्मुख से फिर न जाओगे तो तुम और तुम्हारा राजा भी जो तुम पर राज्य करता है परमेश्वर अपने ईश्वर के पीछे पीछे चलोगे ॥ १५। पर यदि तुम परमेश्वर का शब्द न मानोग और परमेश्वर की प्राजाओं से फिर जाओगे नो परमेश्वर का हाथ तुम्हारे बिरुद्द होगा जैसा कि तुम्हारे पितरों पर था। १६ । सो अब ठहर जाग्री और देखो बुह बड़ा काम जो परमेश्वर तुम्हारी आँखेत के माम्ने करेगा॥ १७। क्या आज गोहं की लवनी नहीं