पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५६६

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[२.४ पन्ने ५५८ समएल उठा और जिलजाल से बिनयमीन के जिबित को चला गया तब साऊन्नु ने उन लोगों को जो उस पास थे गिना और वे एक छः मा जन थे। १६। और माऊल और उम का बेटा यूनतन और उस के माय के लोग विनयमीन के संतान के जिवित्रः में ठहर गये परंत फिन स्तियों ने मिकमास में छावनी किई ॥ १७ । और लुटे रे फिनिस्तियों की छावनी से तीन जथा होके निकले एक तो सूअाल के देश को उफरः की ओर ॥ १८ । और दूसरी जथा वैतहोरान के मार्ग आई और तीसरी जथा ने उस सिवाने का मार्ग लिया जो सबुई म की तराई के बन के सन्मुख है। १९ । अब इसराएल के मारे देश में कोई लोहार भ मिलता था क्योंकि फिलिस्तियों ने कहा था कि न हो कि दूबरानी खड्न अथवा भाला बनावें । २०। परंतु सारे इसराएली हर एक जन अपना अपना फार और भाला और कुल्हाड़ी और कुहारी चोखा करने के लिये फिनिस्तियों कने उतरते थे॥ २१ । नद भी कुदारियों और फारों और विशला और कुल्हाड़ी के लिये और अरई को चोखा करने के लिये उन के पास एक रेती थी॥ २२। और ऐसा हुआ कि लड़ाई के दिन साऊल और उस के बेटे यनतन को छोड़ उन लोगों में से जो साजल और घनतन के साथ थे किसी के हाथ में एक तलवार और एक भाला न था॥ २३ । तब फिलिम्तियो का थाना मिकमाम की घाटी पर आ पड़ा। औ १४ चौदहवां पर्च। र एक दिन ऐसा हुआ कि साजल के बेटे यनतन ने अपने अस्त्रधारी युबा मनुष्य को कहा कि श्रा हम फिलिस्तियों के थाने पर जो पल्ले और है चलें परंतु उस ने अपने पिता से नहीं कहा। २ । और माऊल जिबिश्रा के निकास पर एक अनार के वृक्ष तले जो मिजरून में था उहर रहा और एक छ: सौ लोग उस के साथ थे॥ ३ । परमेश्वर का याजक मेला में पली का बेटा फीनिहास का बेटा ईकबूद के भाई अखि. तूब का बेटा अखी अफट पहिने हुए था और लोगों ने न जाना कि यूनतन चला गया। ४। और उन घाटियों के बीच जिन से यूनतन चाहता था कि फिनिधियों के थाने पर जा पड़े एक एक और चोखी