पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५६७

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युवा से १४ पर्व की १ पुस्तक। चटान थी एक का नाम बाजीज और दृमरौ का मनः था।। ५ । एक का माम्ना उत्तर दिशा मिकमास के मन्मुख था और टूमरौ का दक्षिण दिशा जिबित्र के सन्मुख । ६ । तब यूनतन ने अपने अस्त्रधारी कहा कि श्रा हम उन अखतनों के थाने पर चढ़ जायें क्या जाने पर मेश्वर हमारे लिये कार्य करे क्योकि परमेश्वर के प्रागे कुछ बड़ी बात नहीं चाहे बहुतों से जय दे चाहे तो थोड़ों से। ७। और उस के अस्त्रधारी ने उसे कहा कि सब जो आप के मन में है सेा करिये फिरिये और देखिये आप के गन के समान में भी साधी हं॥ ८। तब यूनतन बोला कि देख हम इन लोगांपास पार जाते हैं या हम अपने तई उन पर प्रगर करें। यदि वे हमें कहें कि ठहरो। जब लेो हम तुम्हारे पास आवें तब हम ठहरे रहगे और उन पाम चढ़ न जाये गे ॥ २ ० 1 परंतु यदि वे यों कहें कि हम पर चढ़ आओ तो हम चढ़ जायगे क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें हमारे हाथ में कर दिया और यह हमारे लिये एक पना होगा। १२ । तब उन दोनों ने आप को फ़िलिस्तियों के थाने पर प्रगट किया और फिलिम्सी बोले कि देखा दूबरानी उन केदों में से जहां वे विप रहे थे बाहर जाते हैं ॥१२॥ और उस थाने के लोगों ने यूनतन और उस के अस्त्रधारी को कहा कि हम पर चढ़ आओ और हम तुम्हें कुछ दिखायगे से यूनतन ने अपने अस्त्रधारी से कहा कि अब मेरे पीके चढ़ा कि परमेश्रर ने उन्हें इसराएल के हाथ में कर दिया॥ १३। और बनतन बकैया चढ़ गया और उस के पौछे उम का अस्त्रधारी और वे यूनतन के आगे मारे गये और उस के पीछे पीछे उस के अस्त्रधारी ने मारा॥ १४ । सेो यह पहिला कार कूट जो यूननन और उस के अस्त्रधारी ने किया सारे मनुष्य बोस एक थे उतनी भूमि में जितनी में एक हल आधे दिन लो फिरे॥ १५॥ तब सेना में और खेत में और मारे लेागों में थर्थराहट हुई और थाने के लेाग और लुटेरे भी थथै र राने लगे और भूमि कंपित हुई यह थर्थराहट ईश्वर की ओर से थो। १६ । और बिनयमौन के जिवित में के साजन के पहरुओं ने देखा तो क्या देखते हैं कि मंडली घट गई और बे मारने चने जाने थे। १७। तब माऊल ने अपने साथी लोगों से कहा कि गिना और देखो हम में से कौन निकल गया है जब