पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५७६

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समएल [१७ पर्च का जुलिअत कहाता धा जिम के डील की ऊंचाई छः हाथ थी ॥ ५ । और उम के सिर पर पीतल का एक टोप था और बुह झिलम पहिने हुए था जो तोल में मन दो एक पीतल की थी॥ ६ । और उस की दो पिंडुलियों पर पीतल के अस्त्र थे और उस के दोनों कांधे के मध्य पीतल की एक फरी थी॥ ७॥चौर उस के भाले की छड़ एमी थी जैसे जालाहे का लट्ठा और उस के भाले का फल सेर नव एक का था और एक जन हाल लिये हुए उस के आगे भागे चलाता था। ८। और उम ने खड़े होके इसराएल की सेनाओं को ललकार के कहा कि तुम क्यों संग्राम के लिये निकले हेर क्या मैं फिलिस्ती नहीं हं और तुम साजल के सेवक से अपने में से एक जम को चुनो और बुह मेरा सान्ना करे ॥ । यदि वुह मुझ से लड़ सके और मुझे मार डाले तो हम तुम्हारे सेवक होंगे पर यदि मैं उस पर प्रबल हे।के उसे मार डालं ते तुम हमारे सेवक होगे और हमारी सेवा करोगे॥ १० । र फिलिस्ती बोला कि मैं आज के दिन इसराएल की सेनाओं को तुच्छ जानता हूं कोई जन मुझे दे ओ कि युद्ध करे ॥ ११ ॥ जब साऊल और समस्त इसराएल ने उम फिलिस्ती की बातें सनौं तब वे बिस्मिन होके डर गये ॥ १२ । अब दाजद बैतलहम यहदाह के इफरानी का पुत्र था जिस का नाम यस्मौ था और उस के आट बेटे थे और वुह जन साऊस के दिनों में लोगों में पुरनिया गिना जाता था ॥ १३ ॥ और घरमी के तीन बड़े बेटे थे जो लड़ाई में साफल के पौछे हुए और जो संग्राम में गये थे उन तीनों के ये नाम थे पहिलठा इलिअब और मंझिला अबिनदाब और लहुरा सम्मः ॥ १४। और दाजद सब से छोटा था और उस के तीनों बड़े बेटे साल के साथ साथ गये ॥ १५ । परंतु दाऊद माऊल से फिर के अपने पिता को भेड़ बैतलहम में चराने गया था॥ १६ । और वुड फिलिस्ती चालीस दिन लो सांझ बिहान आया करता था ॥ १७। और यमी ने अपने बेटे दाऊद से कहा कि अब एक ई फ़ा भर भूना और ये दस रेस्टी लेके छावनी को अपने भाइयों पास होड़ जा॥१८। और खोया की दून दम चकियों को सहसों के प्रधानों पास ले जा और देख तेरे भाई कैसे हैं और उन का फुछ चिन्ह ला॥ और उस समय साजल और वे और सारे इसराएल के लोग ईला