पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५८०

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[१८ पद और ५७२ समूएन दाऊद को फिलिस्तो के साम्ने होते देखा तब उस ने सेना के प्रधान अबिनयिर से पछा कि हे अविनयिर यह गभरू किस का बेटा है अबिनयिर बोला कि हे राजा श्राप के जीवन से मैं नहीं जानता ॥ ५६ । राजा ने कहा कि बूझ यह गभरू किस का लड़का है ॥ ५७ । और जब दाऊद उस फिलिस्तौ को मार के फिरा तब अबिनयिर उसे राजा पास ले गया और फिलिस्ती का सिर उस के हाथ में था॥ ५८। तब माजल ने उसे पका कि तू किस का लड़का और दाऊद ने उत्तर दिया कि मैं तेरे सबक बैनलहमी यसी का लड़का हूं। १८ अठारहवा पर्व। र ऐसा हुआ कि जब बुह साऊल से बात कह चुका तब वहनतन का मन दाऊद के मन से बंध गया और यहूननन ने उसे अपने ही प्राण के तत्य प्रेम किया। २। और साजल ने तब से उसे अपने साथ रकला और फिर उस के पिता के घर जाने न दिया ॥ ३। तब यहूनतन और दाऊद ने आपस में बाचा बांधौ क्योंकि त्रुह उसे अपने प्राण के प्रेम करता था। ४। तब यहूनतम ने अपना बागा और अपने बस्त्र उतारे और अपनी तलवार और धनुष और अपने पटुका लो दाऊद को दिया ॥ ५। और जहां कहीं साऊल उसे भेजता था दाजद जाया करता था और भाग्यमान होता था और साऊल ने उसे जोधायों का प्रधान किया और वुह सारे लोगों की दृष्टि में और साऊल के समस्त सेवकों की दृष्टि में भी ग्राह्य हुश्रा॥ ६। और उन के आते हुए ऐसा हुया कि जब दाऊद उस फिलिस्ती को मार के फिर आया तब सारी इसराएली स्त्रियां नगरों से गातौं नाचती आनंद से तबले और बिनारे लेके साजल राजा से भेंट करने को निकलौं । ७। उन के बजाने से स्त्रियां उन्नर देके कहती थी कि साऊल ने अपने सहसों को मारा और दाऊद ने अपने दस महसे को। ८। और साजल अति क्रोधित हुश्रा और बुह कहावत उस की दृष्टि में बुरी लगी और वुह बोला कि उन्हों ने दाऊद के लिये दस सहसां को ठहराया और मेरे लिये सहस्रों को अब केवल राज्य भर उसे पाना है॥ । और साऊल ने उसी दिन से दाजद