पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५९०

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मग एल [२२ पर्व माऊल ने मुना कि दाऊद दिखाई दिया और लोग उस के साथ है [अब साऊल उस समय रामात के जिना में एक कुंज के नीचे अपने में भाला लिये था और उस के सारे दास उस के आस पास खड़े घे]॥ 1 तब माऊल ने अपने पास पास के सेवकों से कहा कि सुनो हे बिनयमौनो क्या यही का देरा तुम्में में हर एक को खन और दाख को वारो देगा और तुम सब को सहसां और मैकड़ों का प्रधान करेगा॥ ८। जो तुम मब ने मेरे बिरुद्ध परामर्श किया है और किसी ने मुझे नहीं सुनाया कि मेरे बेटे ने यही के बेटे से बाचा बांधी है और तुम कोई नहीं जो मेरे लियं शोक करे अथवा मुझे संदेश दे कि मेरे बेटे ने मेरे मेवक को लभारा है कि ढके में रहे जैमा अाज के दिन है। । तब अहमी दोयम ने जो साजन के सेवकों का प्रधान था यों कहा कि में ने यस्सी के बेटे को नव में अखिलब के बेटे अखिमलिक पाम देखा है। १० । और उस ने उम के लिये परमेश्वर से बझा और उसे भोजन दिया और फिलिस्तौ जुलियत का खड्ग उसे दिया । ११। तब राजा ने अखितव के बेटे अखिमालक याजक को और उस के पिता के सारे घराने और याजकों को जो नूब में ये बुला भेजा और वे सब के सब राजा पास श्राये॥ १२। और साजन ने कहा कि है अखिलूब के बेटे सुन बुह बोला मेरे प्रभु मैं हूँ॥ ९३। और माऊल ने उसे कहा कि तू ने मेरे विरुङ्ग पर यस्मा के बेटे के साथ क्या एक माता किई और त ने उभे रोटी और खड्ग दिया और उस के लिये परमेश्वर मे चूभा जिसन वुह मेरे विरोध में उठ और धान में लगे जैसा कि आज के दिन है। १४ । तब अखिमलिक ने राजा को उत्तर देके कहा कि आप के मारे सत्रकों में दाजद सा विश्वस्त कौन है जो राजा का जवाई और आज्ञापालक है और श्राप के घर में प्रतिष्ठित है। १५ । क्या मैं ने उस के लिये परगेश्वर से बझा यह मुझ से परे होने राजा अपने सेवक पर और उस के पिता के सारे घराने पर यह दोष न लगा क्योंकि श्राप का सेवक इन बातों में से घट बढ़ नहीं जानता॥ १६ तब राजा बोला अखिमलिक तू और तेरे पिता का सारा घराना निश्श्य मारा १७। फिर राजा ने उन पादानों को जा पास खड़े थे आज्ञा जायगा।