पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५९१

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२० । २३ पन्च को र पुस्तक । ५८३ किई कि फिरो और परमेश्वर के याजकों को मार डालो दूम कारण कि इन के हाथ भी दाऊद से मिले हुए हैं और उन्हों ने जाना कि भागा है और मुझे संदेश न दिया परंतु राजा के मेवकों ने परमेश्वर के याजको पर हाथ न बढ़ाया ॥ १८। तब राजा ने देोय ग को कहा कि तू फिर और उन याजकों को घात कर सा अटूमी दायग फिरा और याजको पर तपकर उस दिन उस ने पचामो मनुष्या को जा सूनी अफूट पहनने थे घात किया ॥ १६ । और उस ने याजको के नगर नव के पुरुषों और स्त्रियां और लड़कों और दूध पीवकों को और बैले पार गद हो और भेड़ों को तलवार को धार से घात किया । अखनूब के बेटे अखिमलिक के बेटों में से एक जन जिस का नाम अविवतर था बच निकला और दाऊद के पीछे भागा । २१ । और अविनर ने दाऊद को संदेश दिया कि माऊल ने परमेश्वर के याजकों को मार डाला। २२। और दाऊद ने अविवतर को कहा कि जिस दिन अदूमौ दोयग वहां घा मैं ने उसौ दिन जाना था कि वह निश्चय साजल को कहेगा मैं तेरे पिता के सारे घराने के मारे जाने का कारण हुआ॥ २३ । सेो तू मेरे साथ रह और मत डर क्योंकि जो नेरे पाण का गाहक है से मेरे पाण का गाहक है परंतु मेरे पास बचा रह । २३ तेईसवा पर्व ब उन्हों ने यह कहके दाजद को संदेश दिया कि देख फिलिस्तो कुत्रीलः से लड़ते हैं और खलिहानों को सूरते हैं ॥ २ ! इस लिये दाऊद ने परमेश्वर से यह कह के बझा कि मैं जाऊं और उन फिलिस्तियां को भार और परमेश्वर ने दाजद से कहा कि जा फिनिस्तियां को मार और कील: को वचा। ३। और दाऊद के मन व्यों ने उसे कहा कि देख हम तो यहूदाह में होते हुए डरते हैं तो कितना अधिक कीलः में जाके फिलिस्तियों की सेना का माना कर ।। । तब दाऊद ने परमेश्वर से फिर बझा और परमेश्वर ने उन्नर दे के कहा कि उठ कोल: को उतर जा क्योंकि मैं फिलिस्तियों को तेरे हाथ में सपूंगा॥ ५ । से दाऊद और उस के लोग कौनः को गये और फिलिस्तियों से लड़े और