पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५९२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[२३ पद लेव । पू८४ समूएल उन के हार ले माय और उन्हें बडो मार से मारा यों दाऊद ने कौल: के वासियों को बचाया ॥ ६। और एसा हुआ कि जब छाखिमलिक का बेटा अविव तर भाग के कृत्रीत: में दाऊद पास गया तब उस के हाथ में एक अफह था। ७। और साजन को संदेश पहुंचा कि दाऊद कत्रोतः में आया और साऊल बाला कि ईश्वर ने उसे मेरे हाथ में सौंप दिया क्योकि ऐसे नगर में जिम में फाटक और अड़गे हैं पहुंच के बंद हो गया। ८। और साजल ने समस्त लोगों को युद्ध के लिये एकट्ठा किया कि कत्रीतः में उतर के दाजद को और उस के लोगों को धेर <। और दाजद ने जाना कि साऊल चाहता है कि चुपक स मेरी बुराई करे तब उस ने अबिवतर याजक से कहा कि अफूट मुझ पास ला॥ १०॥ नब दाऊद ने कहा कि हे परमेश्वर इसराएल के ईम्बर रे सबक ने निश्चय मना है कि साजल का विचार है कि कबीला में श्राके मेरे कारण नगर को नष्ट करे॥ ११। क्या कुत्रीला के लोग मुझे उस के हाथ में सौंप देंगे क्या जैसा तेरे दास ने सुना है साऊल उतर आवेगा हे परमेश्वर इसराएन्न के ईश्वर मैं तेरी बिनती करता हूं कि अपने सेवक को बता नब परमेश्वर ने कहा कि बुह उतर नावेगा। १२ । तब दाजद ने कहा स्या कशीलः के लोग भझे और मेरे लोगों को माऊल को बंधुआई में सौप देंगे और परमेश्वर ने कहा कि वे सौंप देंगे। १३ । तब दाऊद अपने लोग सहित जो मनुष्य का नो एक थे उठा और कौलः से निकल गया और जिधर जा सका गया और माजल को संदेश पहंचा कि दाजद कौनः से बच निकला तब बुह जाने से रह गया। दाऊद ने अरण्य में दृढ़ स्थान में बास किया और जैफ के बन में एक पहाड़ के बीच रहा और साकल प्रति दिन लस को खोज में लगा हुया था परंतु ईश्वर ने उसे उस के हाथ में साँप न दिया। दाजद ने देखा कि मामल उस के मारने के कारण निकला उस समय दाऊद जैक के अरण्य के बीच एक बन में था। २६. और साऊल का बटा यहमतन उठा और बन में दाऊद पास गया और ईश्वर पर उसे दृढ़ किया ॥ १७॥ और उसे कहा कि मत डर क्योंकि तू मेरे पिता साऊत्त के हाथ में न पड़ेगा और तू दूसराएल का राजा हेगा और तेरे पौके १४। और १५। और