पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५९९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

कौ १ पुस्तका मारा ५८१ जो भीत पर मत्ता है न छूटता॥ ३५ । औपर जा कुछ कि वुह उस के निमित्त लाई थी दाजद ने उम के हाथ से लिया और उसे कहा कि अपने घर कुशल से जा देख मैं ने तेरा बचन माना है और तुझे ग्रहण किया है। ३६। नब अविल नबाल पास आई और देखा कि उस ने अपने घर में राजा का सा एक जेवनार किया और नवाल का मन मगन हो रहा था क्योंकि वुह बड़ा मतवाला था से इस कारण उस ने उसे बिहान कुछ घर बह न कहा ॥ ३७। परंतु ऐमा हुआ कि बिहान को जब नबाल का मद उत्तरा और उस की स्त्री ने सब समाचार उसे कहा तब उस का मन मृतक सा हो गया और वुह पत्थर हो गया। और ऐसा हुआ कि दस दिन के पीछे परमेश्वर ने नवाल को वुह मर गया ॥ ३६ । और जब दाऊद ने मुना कि नबाल मर गया तब उस ने कहा कि परमेश्वर धन्य है जिस ने नवाल के हाथ से मेरे कलंक का पलटा लिया और अपने दास को बराई से अलग रक्खा है क्योंकि परमेश्रर ने नबाल को दुष्टता को उमौ के सिर पर डाला और दाऊद ने भेजा और अबिजैल से बात चीत करवाई कि अपनी पत्नी करे।। 8.1 और जब दाऊद के मेवक कर मिल को अबिल पास आये वे यह कह के उरसे बोले कि दाऊद ने हमें नम पास भेजा है कि तुझे अपनी पत्नी करे॥ ४१ । तब वुह उटी और भमि पर झुक के बोली कि देख तेरी दासी अपने खामी के सेवकों के चरण धोने के लिये दासी होवे॥ ४२ । और अविजेल शीघ्रता करके उटौ और गदहे पर चढ़ी और अपनी पांच हामियां साथ लिई और दाऊद के दूतों के साथ चली और उनकी पत्नी हुई और दाऊद ने यज्ञरअल में से अखिनअम को भी लिया। और बेदानों उस को पत्नियां हुई। परंतु माऊल ने अपनी बेटी मीकल को जो दाऊद की पत्नी थी लेशके बटे फलनी को दिया जो जालोम का था। २६ वीसवां पर्च॥ बजैको जिबित्र में माऊस पास या बोले क्या दाऊद हकौलः पहाड़ में यमौमून के आगे छिपा हुआ नहीं। २ । नब साऊल उठके लौन ४४.