पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६०३

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को ५ पुस । और दाऊद उन औ पास फिर आये। ५० । और अकीश ने पूछा कि आज तुम ने मार्ग किधर खोला दाऊद ने कहा कि यहूदाह के दक्षिण और घरमिएलो के दक्षिण और कैनी के दक्षिण दिशा पर में से कोई स्त्री पुरुष को जोता न छोड़ा जा जन को संदश ले जाय यह कहके कि न होवे कि हमारे विरुड मदेश पहुंचाव कि दाजद ने ऐमा वैसा किया और जब से वुह फिलिस्तियों के राज्य में आ रहा तब से उस का व्यवहार ऐसा ही था। १२ । और यह कहके अकौश ने दाऊद का सञ्चा जाना कि उस ने आप को अपने इमराए लौ लोगों से अन्यत निंदा करबाई इम निये वह मेरा दास सदा हेगा। २८ अट्ठाईसबा पर्छ । पर उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ कि फिलिस्तियों ने इसराएल से लड़ने को अपनी सेनाओं को एकट्ठो किया तब अकीए ने दाजद से कहा कि तू निशय ज्ञान कि तुझे और मेरे लोगों को मेरे साथ लड़ाई पर चढ़ने हेोगा ॥ २ तब दाऊद ने अकीश मे कहा निश्चय आप जानियेगा जो कुछ आप के दास से वन पड़ेगा और अकोश ने दाजद से कहा कि मैं अपने मिर का रक्षक तुझे करूंगा। ३ । और गया और समस्त इसराएल उस पर रोते थे और उसे उसी के नगर रामात में गाड़ा था और साजल ने उन्हें जा भुतहे और टानहे थे देश से निकाल दिया था। ४। और फिलिस्ती एकट्टे होके आय और सूनेम में डेरा किया और साऊल ने भी मारे इसराएल को एकट्ठा किया और जिलवूः में डेरा किया। ५ । यौर जब साजल ने फिलिस्तियों को सेना को देखा तब डरा और उस का मन अत्यंत कषित हुआ। और जब माऊल ने परमेश्वर से बझा परमेश्वर ने उसे कुछ उत्तर न दिया न तो दर्शन से न उरोम से न आगमज्ञानियों के द्वारा से । साऊल ने अपने सेवकों से कहा कि किसी स्त्री को खोजा जो भुतही हो जिसने मैं उस पास जाकं धौर उरमे वझू तब उस के सेवको ने उसे कहा कि देखिये अनदोर मे एक भुनही स्त्री है॥ ८। तव माऊल ने अपना भेष बदल के दूसरा वस्त्र पहिना और गया और समूएल मर ७ तब