पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६०४

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समएस दो जन उस के साथ हुए और रात को उस स्त्री पास पहुंचा और उसे कहा कि कृपा करके मेरे लिये अपने भूत से विचार पूल और जिसे में कहं उसे मेरे लिये उठा॥ । और उस स्त्री ने उसे कहा कि देखत जानता है कि साऊल ने क्या किया कि उस ने उन्हें जो भुतहे थे और टोनहों को किस रौनि से देश से काट डाला सो मुझे मरधा डालने के लिये तू क्या मेरे प्राण के लिये जाल डालता है। १. नब माजल ने परमेश्वर को किरिया खाके कहा कि परमेश्वर के जीवन से दूम बात के लिये तुझ पर कोई दंड न पड़ेगा। २१ । तब बुह स्त्री बोली में किसे तेरे निये उठाऊ बुह बोला कि समूएल को मेरे लिये उटा ॥ १२॥ और जब उस स्त्री ने समूएल को देखा वुह बड़े शब्द से चिल्लाई और साजल से कहा कि आप ने मुझ से क्यों छल किया श्राप तो साजत हैं। १३ । तब राजा ने उसे कहा कि मन डर तू ने क्या देखा और उस स्त्री ने माऊल से कहा कि मैं ने देवों को प्रथिवी से उठते देखा ॥ १.४। तब उस ने उसे कहा कि उम् का डौल क्या वुह बोली कि एक बुड्डू पुरुष ऊपर आता है और दोहर आड़े है तब साजल ने जाना कि बुह समूएल है और वुह मह के बल निहुड़ के भूमि पर झुका ॥ १५ । तब समूएन ने साजल से कहा कि तू ने क्यों मुझे उठा के बचैन किया साऊल ने कहा कि में अति दुःखी हूं क्योंकि फिलिस्ती मुझ से लड़ते हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया है और कुछ उत्तर नहीं देता न तो भागमज्ञानियों के द्वारा से न दर्शन से इस लिये मैं ने तुझे बुलाया जिसमें तू मुझे वतावे कि मैं क्या करूं ॥ १६ ॥ और समूएल ने कहा कि जब परमेश्वर ने तुझे छोड़ दिया और मेरा बैरौ बना तब मुझ से किस लिये पूछता है । और जैसा परमेश्वर ने मेरे द्वारा से कहा उस ने उस के लिय वैसा ही किया है क्योंकि परमेश्वर ने तेरे राज्य को फाड़ा है और तेरे परोसो दाजद को दिया है। १८। इस लिय कि तू ने परमेश्वर के शब्द को नहीं माना और अमालौकियों पर उस के अति कोप को पूरा न किया इसी कारण से परमेश्वर ने अाज के दिन तुझ से यह व्यवहार किया है । १६ । दूसो अधिक परमेश्वर दूसराएल को तेरे संग फिलिस्तियों के हाथ में सौंपेगा और तू और तेरे बेटे कल मेरे साथ हॉग और परमेश्वर