पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६०९

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को १ पुस्तका में ॥ २८। और जो अरायर में और जो सिफमोत में और जो इस्तिमात्र में। २९। और जो रकल में और जायरमिऐलौ के नगरों में और जो कैनी के नगरों में। ३०। और जोहरमः में और जो खरशान में और जो ताक में। ३१ । और जो हवरून में और उन सब स्थानों में जहां जहां दाजद और उस के लोग फिरे करते ध भेजे। ३१ एकतीसवा पर्छ। व फिलिस्ती इसराएल से लड़े और दूसराएल फिलिस्ती के आगे से भागे और जिलबूथ पहाड़ पर जझ गये । २। और फिलिस्ती माऊल के और उस के बेटों के पीछे पोछ पिलचे गये और फिलिस्तियों ने उस के बेटे यहूनतन को और अविनदाब और मलकीसू को मार लिया॥ ३। और साजल से बड़ो लड़ाई हुई और धनुषधारियों ने उसे ऐसा वेधा कि वह धनुषधारियों के हाथ से अत्यंत घायल हुअा ॥ ४। नब साऊल ने अपने अस्त्रधारी से कहा कि अपनी तलवार खीच पौर मुझे गोद दे जिसने ये अखतनः आके मुझे गोद न लेवें और मेरी दुर्दशा न करें पर उम्र के अस्त्रधारी ने न माना दूम लिये कि वुह अत्यंत डरा नब माऊल ने तलवार लिर्दू और उम पर गिरा। ५। और जब उस के अस्त्रधारी ने देखा कि साऊल नर गया तब वुह भी अपनी तलवार पर गिरा और उस के साथ मर गया॥ ६। से साऊल और उस के तीनों बेटे और उस का अस्त्रधारी और उस के सारे लोग उसी दिन एक साथ मर गये। ७। जब इसराएम के लोगों ने जो तराई के उस अलंग थे और जा यरट्न के पार थे देखा कि दूसराएल के लोग भागे और साजल और उस के बेटे मारे गये बस्तियां छाड़ छाड़ भाग निकले और फिलिस्ता आये और उन में बसे। ८। और विहान को ऐसा हुआ कि जब फिलिस्तिौ श्राये कि जझे हुयों को लूटें तब उन्हों ने माऊल को और उस के तीन बेटों को जिला पहाड़ पर पड़ा पाया। <। तब उन्होंने उस का सिर काट लिया और उस के हथियार ले के फिलिस्तियों के देश 76 [A.B.S.