पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६१६

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7 सम्पल का पहिलोठा अमनून जो यजरअऐलौ अखिनुअम से था। ३। और दूसरा किलिअब जो करमिलौ नबाल की पत्नी अविजैल से हुआ और तीसरा अविस नुम जा जशर के राजा तत्समी को बेटी मत्रका से था ४। और चौथा हगीन का बेटा धनियाह और पांचवां अबितल का बेटा शफ़तियाह ॥ ५। और छठवां यावितरिश्राम जो दाजद की पत्नी एगल; से था ये सव दाजद के लिये हवरूम में उत्पन्न हुए ॥ ६। और जब लो साऊल और दाऊद के घरानों में युद्ध होता रहा ऐसा हुआ कि अविनयिर ने आप को साजल के घराने के लिये बलौ किया। ७। और साजल की एक दासी धौ जिस का नाम रिसफः था अयाह को बेटी अौर इसबुसत ने अविनयिर से कहा कि तू क्यों मेरे पिता की दासी के पास गया है।८। तब अबिनयिर ने इस सत की बातों से अति कोपित होके कहा कि क्या में कूकर का सिर हं कि मैं यक्लदाह का सामना करके आज के दिन लो तेरे पिता माजल के धराने पर और उस के भाइयों और उस के मित्रों पर दया करता हं और तो दाऊद के हाथ में नहीं सैपा है कि तू मुझे इस स्त्री के विषय में दोष लगाता है॥ । सो अव जैमौ परमेश्वर ने दाजद से बाचा बांधी है वैसा ही यदि मैं न करूं तो परमेश्वर अबिनयिर से एमाही और उससे अधिक करे॥ १.। कि साल के घराने से राज्य पलट डालू और दाऊद के सिंहासन को इसराएल पर और यहाह पर दान से ले के विअर सबः लो स्थिर करूं ॥ ११। तब वुह अविनैयिर को एक बात का उत्तर न दे सका क्योंकि वुह उसो डरता था। १२। और अविनै थिर ने अपने विषय में दाऊद पास टूत से कहला भेजा कि देश किसका है मुझ से वाचा बांध र देख कि मेरा हाथ तेरे साथ होगा कि सारे इसराएलियों को तेरी और फेलं ॥ १३। तब वुह बोला अच्छा मैं तुझ से बाचा बांधूंगा परंतु तुझ से एक बात चाहता हूँ यार बुह जो यह है कि तू मेरा मुंह न देखेगा जब ला पहिले माऊल को बेटी मिकल को अपने साथ लाये ज़ब त मेरा मुंह देखेगा॥ ९४ । और दाऊद ने साऊल के बेटे इसबुसत के पास यह कहके दूतों को भेजा कि मेरी पत्नी मिकल को जिसे मैं ने फिलिस्तियों की सो खतड़ियां देके बियाहा है सांप दे। १५। तब इससत ने भेज के उस के पति लाईश के बेटे फलतिएल से उसे