पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

उत्पन्न हुए। १५। ५ पब्जे को २ पुस्तक। घर में पैठने न पावेंगे॥ । और दाऊट गढ़ में रहा और उस ने उस का नाम दाऊद का नगर रक्खा और दाजद ने मिल की चारों ओर और उस के भीतर बनाये॥ १० । और दाऊद बढ़ता गया और परमेश्वर सेना का ईश्वर उस के माश था । ११। तब सूर के राजा हीराम ने प्रारज चक्ष और बढ़ई और पत्थर के गढ़ये दूतों के माध दाजद पास भेजे और उन्हों ने दाऊद के लिये भवन बनाया ॥ ९२ । और दाऊद को सूझ पड़ा कि परमेश्वर ने मुझे इसराएल पर राजा स्थिर किया और मेरे राज्य को अपने लोग इमराएल के लिये स्थिर किया। १३। और दाऊद ने हवरून से आके यरूमलम में और सहेलियां और पत्नियां किई और दाऊद के और भी बेटा बेटी १४। और उस के उन बेटों के नाम जो यरूसलम में उत्पन्न हुए ये धे शमश और शोवाब और नातन और सुलेमान ॥ और दूबहार और इलौसूत्रः और नफग और यफौच ॥ १६। और इलिसमः और दूलवदः और इलिफ़लत ॥ १७। परंतु जब फिलिस्तियों ने सुना कि उन्हों ने दाऊद का अभिषेक करके दूसराएल का राजा किया तब सारे फिलिस्तो दाऊद की खोज को चढ़ आये और दाजद सुन के गढ़ में उतरा॥ १८। और फिलिस्ती आये और रिफाइम को तराई में फैल गये। १६ । तब दाजद परमेश्वर से यह कहके बूझा कि मैं फ़िलिस्तियों पर चढ़ जाऊ नू उन्हें मेरे वश में कर देगा परमेश्वर ने दाऊद से कहा कि चढ़ जा क्योंकि मैं निः संदेह फिलिस्तियों को तरे हाथ में सौपूंगा ॥ २०। तब दाजद बअल- फरसौन में अाया और वहां उन्हें मार के कहा कि परमेश्वर मेरे आगे मेरे बैरियों पर ऐसा टूट पड़ा जैमा पानियों का दरार इस लिये उस ने उस स्थान का नाम बअलफरासीन दरारों का चौगान रकवा ॥ २१। और उन्हों ने अपनी मूर्तिन को वहीं छोड़ा और दाजद और उम के लोगों ने उन्हें जला दिया ॥ २२ । और फिलिस्तो फिर चढ़ आये और रिफाइम की तराई में फैल गये। २३ । और जब दाऊद ने परमेश्वर से बूझा उस ने कहा कि तू मन चढ़ जा परंतु उन के पीछे से घूम और तूत के पेड़ों के सामने होके उन पर जा पड़॥ २४। और यों होवे कि जब