पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६२६

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किया और दाजद ने मिथेग अमाः फिलिस्तियों के हाथ से समएल विषय में कहा है सदा लो स्थिर रख और अपने कहने के समान कर ॥ २६। और यह कह के तेरा नाम सनातन लो बढ़ जाय कि सेनाओं का परमेश्वर इसराएल का ईश्वर और तेरे सेवक दाऊद का घर तेरे बाग स्थिर होवे ॥ २७। क्योंकि हे सेनाओं के परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर ने अपने सेवक के कान यह कहके खोले हैं कि मैं तेरे लिय घर बनाऊंगा से तेरे सेवक ने अपने मन में पाया कि तेरे आगे यह प्रार्थना करे। २८। और अब हे ईश्वर परमेश्वर तू वहीं ईश्वर है और तेरी बातें सही हैं और न ने अपने सेवक से इस भलाई को बाचा दिई है। २८ । सो इस लिये अनुग्रह करके अपने सेवक के घराने पर श्राशीष दे जिसने बुह सनातन लो तेरे आगे बना रहे क्योंकि हे ईश्वर परमेश्वर तू ने कहा है से तेरे (शोध से तेरे सेवक का घर सनातन ले आशीष पावे॥ ८ आठवां पई। पर इस के पीछे दाज ने फिलिस्तियों को मारा और उन्हें बV लिया। ४ । २। और उस ने मोअब को मारा और उन्हें भूमि पर गिरा के रस्सौ से नापा अर्थात् दो रस्सियों से बंधन करने को और एक पूरी रसी से जिलाने को और मेजबी दाऊद के मेवक हुए और भेंट लाये । और दाऊद ने सूबः के राजा रिहोब के बेटे हददाजर को भी जब कि तुह अपना सिवाना छुड़ाने को फुरात नदी को गया मार लिया। और दाजद ने उस के एक महस्र रथ और मात से घाइचढ़ और बीस महस्र पैदल लिये और समस्त रथों के घोड़ा की घेरड़नस काट डाली परंतु उन में से मौ रथों के लिये रख छोड़ा॥ ५। और जब कि दमिशक के मुरियानी हदअजर सूबः के राजा की सहाय को आये तब दाऊद ने सुरियानियों में से बाईस सहस्र लोग मार डाले ॥ ६। तब दाऊद दमिशक के सुरिया में चौकियां बैठाई और सुरियानौ दाजद के सेवक हुए और भेटें लाये और जहां कहीं दाजद गया परमेश्वर ने उस को रक्षा किई ॥ ७॥ और दाजद ने हदअजर के सेवकों की सोने को ढाल लेके