पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६२८

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[२. पर्व समूएल मैं उस पर ईश्वरीय कृपा दिखाऊं और सौबा ने राजा से कहा कि अब लों यहूनशन का एक लंगड़ा बेटा है। ४ 1 तब राजा ने उसे पूछा वुह कहां है सौबा ने राजा से कहा कि दखिये अमिएल के बेटे मकौर के घर लोदौबार में है। ५। तब दाजद राजा ने भेज के अमिएल के बेटे मकौर के घर से जा लेोदोबार में है उसे मंगवा लिया। ६। और जब साऊल के बेटे यहमतन का बेटा मिफिवूमत दाऊद पास पहुंचा नव उस ने धा गिर के दंडवत किई तब दाऊद ने कहा कि मिफिवमत और उस ने उत्तर दिया देखिये तेरा सेवक है। ७। और दाऊद ने उसे कहा कि मत डर क्योंकि निश्चय तेरे पिता यहूनतन के लिये तुम पर अनुग्रह करूमा और तेरे पिता साजल की मारी भूमि तुझे फेर देगा और तू मेरे मंच पर नित भोजन किया कर ॥ ८। तब उस ने दंडवत किई और कहा कि तेरा सेवक क्या कि श्राप मुझ से मरे हुए कुने पर दृष्टि करें। । तब राजा ने साऊल के सेवक सौबा को बुलाया और उसे कहा कि मैं ने सब जो कुछ कि माऊल का और उस के घराने का था तेरे खामौ के बटे को दे दिया है। १०। सेोत अपने बेटों और सेवको नमेत उस के लिये भूमि जोत और ले आ जिनतें तेरे खामी के खाने को रहे परंतु मिफिबूतन जो तेरे खामी का बेटा है नित मेरे मंच पर भाजन किया करेगा और सौबा के पंदरह बेटे और बीस सेवक थे। १९। तब मौवा ने राजा से कहा कि सब जो मेरे प्रभु राजा ने अपने सेवक को कहा से तेरा सेवक करेगा परंतु निफिसत जा है सो मेरे मंच पर राज पुत्रों में से एक के ममान खायगा॥ १२। और मिफिबसत का एक छोरा बेटा था जिस का नाम मोक्त था और सब जितने कि सौबा के घर में रहते थे मिफिवसत के सेवक थे ॥ १३। से मिफिवसन यरूसलम में रहा क्योंकि बुह राजा के मंच पर सदा भोजन करता था और दोनों पाओं से लंगड़ा था ॥ १० दसवां पर्व । म के पौछ ऐसा हुआ कि अम्मन के संतान का राजा मर गया और उस का बेटा हनन जम के राज्य पर बैठा ।। २। तब दाऊद