पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६४५

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को २ पुस्तक नेरा है नब मोवा ने कहा कि मैं आप को दंडवत करता हूं कि में अपने प्रभु राजा की दृस्टि में अनुग्रह पाऊ॥ ५। और जब दामद राजा बहरीम में पहुंचा कहां से साजन के घराने में से एक जन निकला जिम का नाम शमीय औरा का पुत्र धिक्कारते हुए चला पाता था॥ ६ । और वुह दाऊद पर और दाऊद राजा के सारे सेवकों पर पत्थर फेंकने लगा और ममन्त लोग और समस्त वीर उस के दहिने बाय थे । ७। और धिक्कारते हुए शमीय यों कहता था कि निकल आ निकल आ हे हत्यारे मनुष्य हे दुष्ट जन ॥ ८। परमेश्वर ने साऊल के घर को सारी हत्या को तुझ पर फेरा जिम की मंती तू ने राज्य किया है और परमेश्वर ने राज्य को तेरे बेटे अबिमलुन के हाथ में सौप दिया और देखो आप को अपनी बुराई में इस कारण कि त इत्यारा है। । तब जरूयाह के बेटे विशे ने राजा से कहा कि यह मरा हुआ कुन्ता मेरे प्रभु राजा को किस लिये घिसारे मैं आप की बिनती करता है कि मुझे पार जाने दी गये कि उस का सिर उतार डालू ॥ १० । तब राजा ने कहा कि हे जरूयाह के बेटे मुझे तुम से क्या काम उसे धिक्कारने दो दूम कारण कि परमेश्वर ने उसे कहा है कि दाऊद को धिक्कार फेर उसे कौन कहेगा कि तू मे एसा क्यों किया है। ११ । और दाजद ने अविशे और अपने सारे सेवकों से कहा कि देख मेरा बेटा जो मेरी करि से निकला मेरे प्राण का गांहक है तो कितना अधिक यह बिनयमीनी उसे छोड़ देना धिक्कार ने देखो क्योंकि परमेश्वर ने उसे कहा है ॥ १.२। क्या जाने परमेश्वर मेरे दुःख पर दृष्टि करे और परमेश्वर आज उस के धिवार की संतो मेरी भलाई करे। १३ । और ज्यों दाऊद अपने लोग लेके मार्ग से चला जाता था शमीय पहाड़ के अलंग उम के सन्मुख धिक्कारता हुआ चला जाना था और उसे पत्थर मारता था और फकता था। १। और रस के सारे लोग थके हुए आये और वहीं उन्होंने अपने को संतष्ट किया। १५ । तब अविमसुम और उम के सारे लोग इसराएल समेत वससम में आये और अखितुफ्फला उस के साथ ॥ १६ । और यों हुआ कि जब दाऊद का मित्र हमी अरको बिसलुम पास पहुंचा तो हसी ने अचिमन्नुम मे कहा कि राजा जीता रहे राजा जोता रहे। राजा