पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६४८

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ममएल २०। और कहा सेो दे निकल के दाजद राजा से बाले ॥ १८। तथापि एक छोकरे ने उन्हें देखके अविसलुम से कहा परंतु वे दोनों के दोनों चटक से चले गये और बहरोम में पहुंचके एक पुरुष के घर में घुसे जिस के चौक में एक कूत्रां था उस में वे उत्तर पड़े। और स्त्री ने टम कुंए के मंह पर एक योदना बिछाया और उस पर पौसा हुआ अन्न विशाया चौर बुह वान भगर न जई। जब अविसलम के सेवक उस सौ के घर प्राय और पहा कि अखि- मअज और यहूनतन कहां हैं तब उस स्त्री ने उन्हें कहा कि वे नाली पार उतर गये और जब उन्हों ने उन्हें ढूंढ़ा और न पाया तो अरू- सलम को फिर आये ॥ २१ । और यो हुना कि जब वे चले गये तो कुँए से निकल के चले और दाजद राजा से कहा कि उठिये और शीघ्र जल से पार उतर जाइये क्या कि अखि त फफल ने आप के बिरोध में यो यो मंत्र दिया है। २२ । तब दाऊद और उस के सारे रोग उठ और यरदन के पार उत्तर गये और बिहान होने होते एक भी न रहा नो यरदन के पार न उतरा था॥ २३। और जब अखितफफस ने देखा कि उस का मंत्र न चला तो उस ने अपने गदहे पर काठी वांधी और चढ़के अपने नगर और अपने घर गया और अपने घर के विषय में आज्ञा किई और श्राप फांसी लगाके मर गया और अपने पिता की समाधि में गाड़ा २४ । तब दाऊद महमैन को गया और अविसलुम और उस के साथ दूसरामन के सारे मनग्य यरदन के पार उतरे। २५ । और अबिसलुम ने यूअब को संतो श्रमासा को सेना का प्रधान बनाया और अमासा एक जन का बेरा था जिस का नाम इयरा इसराएली था जो नाहस की बेटी यूअच को मौसौ अबिजैल के पाम मया ॥ २६ । सो इसराएल और अविसलुम ने जिलिअद के देश में डेरा किया ॥ २७। और यो हुआ कि जब नामद महनैन में पहुंचा तो अम्सून के संतान के रब्बः नाहस का घेरा शाबी और लादिद्वार अमीअल का बेटा मकौर और राजिलीम जिनिअन बरजिली॥ २८। खाट और वासन और भाटी के पात्र और गाझं और जब और पिसान और मना और फलियां और मसूर और भूने चने॥ २६ । और मधु और माखन और भेड़ और टार का गया।