पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६५२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६४४ समएल [१९ पन्चे और ॥ १६ उन्नीसा पढ़ पर यअब से कहा गया कि देख राजा अबिसलुम के लिये रोना और बिलाप करता है। २। और उस दिन का बचाव सभी के लिये बिनाप का दिन हुअा क्योंकि लोगों ने उस दिन सुना कि राजा अपने बेटे के लिय खद में है। । चार लोग उस दिन लज्जितों के ममान जो लडाई से भाग निकलते हैं चारो से नगर में चले गये। परंतु राजा ने अपना मुंह ढांपा और चिल्ला चिल्ला रोयाक हाय अधि- मन्नुम मेरे बेटे हाय अविमलुम मेरे बेटे मेरे बेटे। ५। तब यूअब घर में राजा पाम आया और कहा कि त ने आज के दिन अपने सब सेवकों के मुंह को जित किया जिन्हों ने आज तेरे प्राण और तेरे बेटे बेटियों के प्राण और तेरी पत्नियों के प्राण और तेरी दासियों के प्राण बचाये ६। क्योंकि तू अपने शत्रुन को प्यार करके अपने मित्रों से वैर करता है क्यांकि त ने अाज दिखाया है कि तुझे न प्रधानों को न सेवकों की चिता है क्योंकि अाज में देखता हूँ कि यदि अविमलुम जौना होता और हम सब आज मर जाते तो तू अति प्रसन्न होता ॥ ७॥ से अब उठ बाहर निकल और अपने सेवकों का बोध कर क्योकि मैं परमेश्वर की किरिया खाता हूं कि यदि तू बाहर न जायगा तो रात लो एक भी नेरे साथ न रहेगा और यह तेरे लिये उन सब बिपतों से जो युवावस्था से अब सांई अधिक हेरगी। ८। तब राजा उठा और फाटक में बैठा और सब लोगों को कहा गया कि दखे। राजा फाटक में बैठा है तब सब लोग राजा के आगे आय कयोकि सारे इमराएल अपने अपने नंब को भाग गये थे । और इसराएल को सारी गाष्टियों में सारे लोग झगड़के कहने लगे कि राजा ने हमें हमारे शत्रुन के हाथ से और फिलिम्तियों के हान्य से बचाया और अब वुह अविमस्तुम के कारण देश से भाग निकला १०। और अबिसनुम जिसे हम ने अपने ऊपर अभिषिक्त किया था रण में मारा गय से अब राजा के फेर लाने में चुपके क्यों हो ॥ ११ । तब दाकद राजा ने सदूक और अबिबतर याजक को कहला भेजा कि यहदाह के प्राचीनों को कहा कि राजा को उस के घर में फेर लाने में क्यों