पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६६१

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२३ पच को २ पुस्तक। ये. २३ तेईसा पर्व । दाजद के अंन की बातें यमी के बेटे दाजद ने कहा और उस पुरुष ने जो उभारा गया यअकब के ईश्वर के अभिषिक्त ने जो इमराएल में मधुर गायक है कहा ॥ २। ईश्वर का अामा मेरी और से बोला और उस का बचन मेरी जीभ पर था। ३। इसराएल के ईश्वर ने कहा दुमराएल के चटान ने मुझे कहा मनुश्यां पर राज्य कर तू धी होके ईश्वर के डर से प्रभुता करता है। ४ा और प्रात:काल की ज्योति की नाई विना मेंघां के बिहान सूर्य उदय होता है और मेंह के पीछे एथियो में से कोमल घास उगने की नाई॥ ५ । यद्यपि मेरा घर ईश्वर के आगे ऐसा न हो तथापि उम ने मेरे माथ समस्त विषय में सनातन को एक सत्य बाचा बांधो मेरौ सारी मुक्ति और सारी बांछा के लिये यद्यपि बुह उसे न उगावे ॥ ६ । परंतु दुष्ट सब के सब काटे । के मभान दूर किये आयेगे क्योकि वे हाथों से पकड़ नहीं जा सके। ७। परंतु जो जन उन्हें वे उसे अवश्य है कि लोहे और बरको के छड़ से पूर्ण होवे और वे उसो स्थान में सर्वथा जलाये जायेंगे। ८। दाजद के बौरा के नाम ये हैं तहकमनी जो प्रधानों में श्रेष्ठ श्रासन पर बैठता था वही अजनो अदिमू था उसी ने आठ सौ के सन्मुख हे।के उन्हें एक साथ घात किया । । और उस के पीछे अहाही दूदू का बरा इलिअजर जो उन तीन बौरों में से जो दाऊद के संग य उन्हां ने उन फिलिस्तियों को तुच्छ समझा जो दूसराएलो लोगों से लड़ने के लिये एकट्ट थ॥ १.। उस ने उठके फिलिस्तियां कर मारा यहां लो कि उस का हाथ थक गया और मूठ हाथ में चिपक गई और परमेश्वर ने उस दिन बड़ा जय दिया और लोग केवल लटके लिये उम के पीछे फिर गये । ११ । और उस के पीछे हरारी अजी का बेटा शम्मः फिलिस्तो मसूर के खेत में कहीं लेने को एकटे हुए और लोग फित्तिस्तियों के आगे से भाग गय। १२। परनु वुह खेत के मध्य में खड़ा रहा और उसे बचाया और फिलिस्तियों को मार डाला और परमेश्वर ने बड़ा जय दिया । २३। और नीम में से तीन प्रधाने निकले और कटनी के समय में हाजद