पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६६५

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२४ पचे २ पुस्तक और कहा कि मेरे प्रभु राजा अपने सेवक के पास किस लिये आये हैं तब दाऊद ने कहा कि तुझ से खलिहान मोल लेके परमेश्वर के लिये एक वेदी बनाऊं जिसने लोगों में से मरी थम जाय । २२। और अराना ने दाजद से कहा कि मेरे प्रभु राजा लेवे और जो अच्छा जाने से भेंट करें और देखिये कि होम के बलिदान के लिय बैल और पीटने की सामग्रो बैलों की सामग्री समेत दूधन के लिये हैं। २३ । सेो जैमा राजा राजा को देना है अराना ने सब कुछ किया और बराना ने राजा से कहा कि परमेश्वर आप का ईश्वर श्राप को ग्रहण करे। २४ । तब राजा ने अराना से कहा कि यों नहीं परन्तु मैं निमय दाम दे के उसे मोल लेऊंगा और मैं अपने ईश्वर परमेश्वर के लिय ऐसी होम कौभेर न चढ़ाऊंगा जो सेत की हा से दाजद ने बुह खलिहान और बैल पचास शैकल चांदी देके मोल लिये ॥ २५ । और दाऊद् ने वहां परमेम्वर के लिये बदौ बनाई और होम को भेटें और कुशल को भेट चढ़ाई और परमेम्वर देश के लिये मनाया गया और मरी दूसरापन में से थम गई।