पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६७६

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नघा। राजावली [४ पड़ हम एक साथ थीं और घर में हम दोनों को छोड़ कोई उपरी हमारे संग १८। और इस स्त्री का वालक रात को मर गया इस लिये कि वह इस के नीचे दब गया । २०। तब वुह श्राधी रात को उठी और जब कि तेरी लोंडी सोतो थौ मेरे पास से मेरे पुत्र को ले गई और अपनी गोद में रक्खा और अपने मरे हुए बालक को मेरी गोद में धर दिया। २१ । बिहान को जब मैं उटी कि अपने बालक को दूध पिला तो क्या देखती हूं कि बुह मरा पड़ा है पर बिहान को जब मैं ने सोचा तो देखा कि यह मेरा जना हुआ लड़का नहीं ॥ २२ । फिर वुह दूसरी स्त्री बोली नहीं परंतु जीता पुत्र मेरा है और मरा हुआ तेरा है और यह बोली कि नहीं मरा हुआ तेरा पुत्र और जीता मेरा पुत्र यो उन्हों ने राजा के आगे बातें किई । २३ । तब राजा बोला कि एक कहती है जीता पुत्र मेरा है और मतक नेरा पुत्र और दूसरी कहती है कि नहीं परंतु मृतक तेरा पुत्र और जीता मेरा पुत्र ॥ २४ ! तब राजा ने कहा कि मुझ पास एक खड्ग लागो तब वे राजा के आगे खङ्ग लाये ॥ २५ ।फिर राजा ने कहा कि इस जीने बालक को दो भाग करो और प्राधा एक को दे ओ और आधा दूमरी को। २६ । नव जिस स्त्री का जीता बालक था उस ने राजा से कहा [क्योकि उस की मया अपने पुत्र के लिये तपित हुई] हे मेरे प्रभ जीता बालक उसी को दीजिये और किसी भांति से न मारिये परंतु टूमरौं बोली कि यह न मेरा हो न तेरा परंतु भाग किया जाय । २७ तब राजा ने कहके आज्ञा किई कि जीता बानक दूसी को दे और उसे किसी भांति से मत मारो उम की माता यही है ॥ २८ । और समस्त इमराएन ने न्याय मुना जो राजा ने किया और राजा से डरे क्योंकि उन्हों ने देखा कि ईश्वर की बुद्धि न्याय करने के लिये उम के मन में है। ४ चौथा पर्य। मुलेमान । उस के अध्यक्ष येथे मद्रुक याजक का बेटा अरियाह॥ ३ । इलीरिफ और अखियाह शौशा लेखक के बेटे थे और अखिन्नद का बेटा यह शफत मारक॥ ४। और यहूयदः का बेटा बिनायाह सेना का प्रधान यह