पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६९१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

८ पब किया है क्षमा कर और जो उन्हें बंधुआई में ले गये हैं वे उन पर दया करें और उन पर दयाल होवें ॥ ५१। दूस लिये कि जिन्हें न मिस्र से अात् लोहे की भट्ठी के मध्य में से निकाल लाया वे तेरे लोग और अधि. कार हैं ॥ ५२। जिसने तेरे सेवक की प्रार्थना पर तेरी आखें खुली रहें और तेरे इसराएल लोगों को बिनती पर हर बात के लिये जो वे तुझे पुकारते हैं तू मुने॥ ५३। क्योंकि हे परमेश्वर ईश्वर जब तू हमारे पितरों को मिस से निकाल लाया जैमा तू ने अपने सेवक मूसा के द्वारा से कहा था पैसा तू ने उन्हें ममत एथिवी के लोगों से अपने अधिकार के लिये अलग किया ॥ ५५ । फिर ऐसा हुआ कि जब सुलेमान परमेश्वर के आगे बिन ती और समस्त प्रार्थना कर चुका तो बुह परमेश्वर की बेदी के आगे से अपने हाथ खर्ग की ओर फैलाने के साथ घुटना टेकने से उठा॥ ५५ । फिर खड़ा होके यह कहके बड़े शब्द से इमराएल की सारी मंडली को आशीष दिई । ५६ । कि परमेश्वर धन्य जिस ने अपने बचन के समान अपने दूसराएल लोगों को बिनाम दिया और उस ने जो अपने सेवक मूसा से प्रतिज्ञा किई थी उन में से एक बान भी न घटी॥ ५७। परमेश्वर हमारा ईश्वर जिस रीति से हमारे पितरों के साथ था हमारे माथ होवे वुह हमें न छोड़े और त्याग न करे। ५८। जिसने वुह अपने ममस्त मागों में चलाने को और अपनी श्राजाओं को और विधिन को और उम के विचारों को जो उस ने हमारे पितरों से आज्ञा किई थौ पालन करने को हमारे मन अपनी ओर भुकावे ॥ ५६ । और मेरे ये बचन जिस के लिये मैं ने परमेश्वर के आगे बिनती किई है सो रान दिन परमेश्वर हमारे ईश्वर के पास हो कि जैमा प्रयोजन हाथ वैसा वुह अपने सेवक के पद को और अपने इसराएल लोगों के पद को प्रतिदिन स्थिर करे॥६.। जिसने पिथवी के समस्त लोग जाने कि परमेश्वर को छोड़ और कोई ईश्वर नहीं है। ६९। दूम लिय हमारे ईश्वर परमेश्वर की विधि पर चलने को और आज के दिन की नाई उस की आज्ञा पालन करने को हमारा अंतःकरण उस के आगे सिड होवे ॥ ६२। और राजा और उम के माथ सारे दूसराएत ने परमेश्वर के आगे बलिदान चढ़ाये ॥ ६३ । और सुलेमान ने परमेश्वर के द्वारा