पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६९८

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राजाबली के हाथ से उसे फाडूंगा॥ १३ । तथापि में मारा राज्य न फाड़ लेऊंगा परंतु अपने सेवक दाजद के कारण और अपने चुने हुए यरून त्तम के लिये तेरे बेटे को एक गोष्ठी देऊंगा। १४ । तब परमेश्वर ने सुलेमान के एक वैरौ को उभारा अर्थात् अदमी इदद को बुह अह्म में राजाओं के अंश से था। १५ । क्योंकि जब दाउद अटूम में था और सेनापति यत्रय अटूम के समस्त पुरुष को घात करके उन्हें गाड़ने गया ॥ १६ । [क्योंकि यभव छः मरस लो समस्त इसराएलियों के संग वहीं रहा यहां लो कि उस ने अहम में एक पुरुष को जीता न छोड़ा] ॥ १७॥ तच हदद अपने पिता के कई एक अटूमौ सेवकों के साथ मिन को भाग गया और तब वुह छोरा बालक घा। १८ । फिर वे मिदयान से निकल के फारान में आये और फारान से लोगों को साथ लेके मिस्र में मिस्र के राना फिरजन पास पहुंचे जिम ने उसे घर दिया और उस के लिये भाजन ठहराया और उसे भूमि दिई ॥ १६। और हदद ने फिरजन को दृष्टि में बड़ा अनुग्रह पाया यहां ले कि उस ने अपनी पत्नी निहफनि हौस रानी की वहिन उसी को बियाह दिई॥ २.1 और तिहानिहीस की बहिन उस के लिये जनूवत जनी जिस का दूध तिहफ़निहीम ने फिरजन के घर में अड़ाया और जनूबत फिरजन के बेटों के साथ फिरजन के घराने में रहता था । २१। और जब हद ने मिस्र में सुना कि दाजद ने अपने पितरों में शयन किया और सेनापति यअब मर गया तब उस ने फिरजन से कहा कि मझे बिदा कीजिये कि मैं अपने ही देश का जाऊ॥ २२॥ नव फिरऊन ने उसे कहा कि तुझे मेरे पास कोन सी घटती है कि अपने हो देश को जाने चाहता है उस ने उत्तर दिया कुछ नहीं तथापि मुझे किसी रीति से जाने दीजिये ॥ २३ । फिर ईश्वर ने उस के लिये देरी खड़ा किया अर्थात् इलिषदः के बेटे रजून को जो सूच: के राजा अपने स्वामी हद अजर पास से भागा था। २४। और जय दाजट् ने उन्हें घात किया उस ने अपने पास लोगों को एकट्ठा किया और एक जथा पर मधान हुश्रा और दमिश्क में जाके पास किया और दमिश्क में राज्य किया ॥ २५ । और हद्द की बुराई से अधिक सलेमान के जीवन भर वुह दूसराएल का वैरौ था और वुह इसराएल से