पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६९९

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१२ पद] किया। कौ १ पुस्तक। धिन रखना था और अराम पर राज्य करता था। सरौदः के एक इफरानी नबात के बेटे यविश्राम सुलेमान का सेवक जिम की माता का नाम सरु: विधवा थी उसो ने राजा के बिर।ध हाथ उठाया ॥२८॥ और राजा के बिरोध हाथ उठाने का यह कारण या कि सुलेमान ने मिरा को बनाया और अपने बाप दाजद के नगर के द्वारा को बंद किया ॥ २८। और यरुबिधाम अति बलवान बीर था और रस तरुण को फुरतीला देखके सुलेमान ने उसे युसूफ के घराने पर प्रधान २९। और उस समय में एसा हुआ कि जब यस विश्राम यरूसलम से बाहर गया तव शैलनी अख्यिाह भविष्वदता ने उसे मार्ग में पाया और वुह एक नया बस्त्र पहिने था और केवल ये दोनों चौगान में थे॥ ३० तब अखियाह ने उस पर के नये वस्त्र को पकड़ा और फाड़के बारह टकड़े किये ॥ ३१ । औरर उम ने यरुबिआम को कहा कि दस टुकड़े तू ले क्योंकि इमराएल का ईश्वर परमेश्वर यां कहता है कि देख मैं सुलेमान के हाथ से राज्य फाइंगा और दस गोष्ठियां तमें देजंगा॥ ३२ । [परंतु मेरे सेवक दाऊद के कारण और यरूसलम नगर के कारण जिसे मैं ने इमराएल की समस्त गाष्ठियों में से चुन लिया बुह एक गोष्टी पावेगा। ३३। इस कारण कि उन्हों ने मझे त्याग के सैदानियों को देवता इमतारात कौ और मोबियों के देव कमुम को और अमन के संतान के देव मिलकम को पजा किई है और अपने पिता दाऊद को नाई मेरी दृष्टि में जो भला है मेरे मार्गों में नहीं चला और मेरी विधि और विचारों को पालन नहीं किया ॥ ३४ । सथापि में समस्त राज्य को उम के हाथ से निकाल न ले ऊंगा परंत में अपने सेवक दाजर के कारण जिसे मैं ने इस कारण चुना कि उसने मेरी आज्ञा और विधिन का पालन किया उस के जीवन भर में उस को राजा कर रकलूंगा । ३५ । परंतु उस के बेटे के हाथ से मैं राज्य लेऊंगा और दस गोष्ठी तुझे देऊंगा। ३६ । और मैं उस के बेटे को एक गोष्टी देऊंगा जिसने यरूमलम नगर में जिसे मैं ने अपने नाम के लिये चुना है मेरा दाम दाजद एक दीपक रक्खा करे॥ ३७। और मैं तुझे लेजंगा और तू अपने मन को समस्त इच्छा के समान राज्य करेगा और इसराएल का