पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७००

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राजावली राजा होगा॥ ३८। और ऐसा होगा कि यदि न मेरी समस्त प्रान्नानी को मुनेगा और मेरे मार्ग पर चलेगा और जिस रीति से मेरा दाख दाजद करता था वैसा मेरी विधि और आज्ञा पालने के लिये मेरी दृष्टि में भलाई करेगा तो मैं तेरे मात्र होऊंगा और मेरे लिये एक दृढ़ घर बनाऊंगा जैना मैं ने दाऊद के लिये बनाया और इसराएल को तुम दे जंगा॥ ३८ । और इस लिये मैं दाजद के वंश को दुःख देऊंगा परंतु मदाले नहीं। ४० । इस लिये सुलेमान ने यरु विश्राम को बधन करने चाहा तब यविश्राम उठा और भागके मित्र के राजा शिशाक के पास मिस्त्र में गया और सुलेमान के मरने लो वहीं रहा । सुलेमान का रहा हुअा कार्य और सब जो उस ने किया और उस की पुष्टि क्या सुलेमान की क्रिया की पुस्तक में नहीं लिखा है । यरूसलम में सारे इसराएलियों पर मलेमान के राज्य के दिन चालीस बरस थे॥ ४३ । और सुलेमान अपने पितरों में सो गया और अपने बाप दाजद के नगर में गाड़ा गया और उस के बेटे रहविश्राम ने उस को संती राज्य किया। ४२ । और जोर १२ बारहा पर्छ । पर रहबियाम सिकम को गया क्योंकि समस्त दूसराएल सिकम में आये कि उसे राजा बनावें ॥२। और ऐसा हुआ कि जब नबात के बेटे यरु बिश्राम ने जो अब लो मिस्र में था यह सुना क्योंकि बुह सुले. मान राजा के अागे से नागा था और मिस्र में जा रहा ]॥ ३। उन्हे। ने भेजके उसे बुलवाया तब वरुबिश्राम और दूसराएस की सारी मंडली आये और यह कहके रहबिश्राम से बोले ॥ ४। कि तेरे पिता ने हमारे जए को कठिन किया इस लिये अब त अपने पिता की कठिन सेवा को और उस के भारी जूर को जो उस ने हम पर रक्दा हलका कर और हम तेरी सेवा करेंगे। ५। तब उस ने उन्हें कहा तीन दिन लॉ चले जाओ तब मुझ पाम फिर आओ और लोग चले गये। ६। तब रबि- श्राम राजा ने पुरनियों से जो उस के पिता सुलेमान के जौने जो उस के श्रागे होते थे परामर्श किया और कहा कि तुम्हारा क्या मंत्र है मैं इन