पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७०२

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राजावला १२ पब संतान जा यहूदाह के नगरों में बस्ते थे रहविआम ने उन पर राज्य किया। १८। तब रहबिग्राम राजा ने अदूराम को जो कर का खामी घा भेजा और ममस्त इमरालियों ने यहां से उसे पत्थरों से पथर- वाह किया कि बुह मर गया इम लिये रहबिश्राम राजा आप को दृढ़ करके यरूसलम को भागने के लिये रथ पर चढ़ा। १८ । से इसराएल अाज के दिन ले दाजद के घराने से फिर गये । और ऐसा हुआ कि जब सारे इमराएलियों ने सुना कि यह विश्राम फिर आया तो उन्हों ने भेजके उसे मंडली में बुलवाया और उन्हों ने उसे सारे इसराएलियो पर राजा किया केवल यहूदाह को गोष्ठी को छोड़ कोई दाऊद के घराने को और न हुअा॥ २१ । और जब रहविश्राम यरूसलम में पहुंचा तो उस ने यहूदाह के सारे घराने को बिनयमौन की गोष्ठी समेत जो सब एक लाख अमी सहरू चुने हुए जन लड़ाक घे एकट्टा किया कि इसरारल के वराने से लड़ के राज्य को सुलेमान के बेटे रहबिश्राम की और लावें ॥ २२ । परंतु ईश्वर के जन शमाया के पास ईश्वर का वचन बह कहके पहुंचा ॥ २३ । कि यहूदाह के राजा सुलेमान के बेटे रहविश्राम को और सारे यहूदाह योर बिनयमौन के घराने को और उबरे हर लोगों को कहके बोल २४ । कि परमेश्वर या कहता है कि पढ़ाई न करो और अपने भाई इसराएल के संतान से लड़ाई न करो परंतु हर एक तुम्हें से अपने अपने घर को फिरे क्योंकि यह वात मेरी छोर से है से उन्हों ने परमेश्वर की प्राज्ञा मानी और परमेश्वर के वचन के समान उलटे फिरे ॥ २५ । तच यरुबिश्राम इफरायम पहाड़ में सिकम को बनाके उस में बसा उस के पीछे वहां से निकल के फनुऐल के बनाया।२६। तब यरूविश्राम ने अपने मन में कहा कि अब राज्य दाऊद के घराने को फिर जायगा ॥ २७। यदि ये लेग बलि चढ़ाने के लिये परमेन्वर के मंदिर में यरूसलम को चढ़ेंगे तब उन लोगों का मन अपने प्रभु यदाह के राजा रहविश्राम की और फिरेगा और वे मभ मार लेंगे और यहूदाह के राजा रहबिश्राम कौ और फिर जायेंगे । २८ । इस लिये राजा ने परामर्श करके सोने की दो बछिया बनवाई और उन्हें कहा कि तुम्हारे लिये प्रति केश है कि तुम यरूसलम को जाओ