पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७०७

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२४ पर्छ कौ १ पुस्तका वह द्वार पर पहुँचौ और अखियाह ने उस के पांग्रे का शब्द सुना तो उस ने उसे कहा कि हे यरुबित्राम की पत्नी भीतर आत अपना भेष क्यों बदलती है क्योंकि मैं कठिन समाचार के लिये तुम पास भेजा गया है। ७। सो जा यह विश्राम से कह कि इसराएल का ट्रेश्वर परमेश्वर यां कहता है कि जैसा मैं ने लोगों में से तझ बढ़ाया और अपने दूसराएल लोग पर अध्यक्ष किया। ८। और दाऊद के घराने से राज्य फाड़के तुझ दिया तथापि तू मेरे सेवक दाऊद के ममान न हुआ जिस ने मेरी आज्ञाओं को पालन किया और जिस ने अपने सारे मन से केवन वही किया जो मेरी दृष्टि में अच्छा था॥ । परन्तु सभी से जो तेरे श्रागे थे अधिक बुराई किई है क्योंकि मुझे क्रुद्ध करने को तू ने जाके अपने लिये और देवों को और ढाली हुई मूर्तिन को बनाया और मुझे अपने पौछ टाल दिया है। १० । से देख मैं यरुविश्राम के घराने पर बुराई लाऊंगा और यरुविनाम के हर एक को जो भौत पर मूना है और इमराएलियों में बन्द हैं और बचे हैं नष्ट करूंगा और उन को जो यरुविश्राम के घर में बच रहेंगे या मिटा डालंगा जैसा कोई जन कूड़े को यहां ले ले जाता है कि सब जाता रहे॥ ११ । यरुबिधाम का जो कोई नगर में मरेगा उसे कुने खायेंगे और जो चौगान में मरेगा उसे आकाश के पक्षी खायेंगे क्योंकि परमेश्वर ने यो कहा है। १२। उठके अपने ही घर जा और नगर में तेरे पांव पहुंचते ही लड़का १३। और उस के लिये सारे दूसराएल बिनाप करेंगे और उसे गाड़ेंगे क्योंकि यरुविश्राम की समाधि में केवल घही पहुंचेगा इस कारण कि इसराएल के ईश्वर परमेश्वर की और यरुविनाम के घराने में से उस में भलाई पाई गई ॥१४और परमेश्वर दूसराएलियों पर एक राजा खड़ा करेगा जो उसी दिन यरुविश्राम के धराने को नष्ट करेगा परंतु क्या अर्थात् अभौ॥ १५ । और परमेश्वर इसराएलियों को मारेगा जिस रीति से जल में सेठा हिलता है और इसराएल को उस अच्छी भूमि से जो उस ने उन के पितरों को दिई है उखाड़ फेंकेगा और उन्हें नदी के पार लो बिथराये गा इस कारण कि उन्होंने अपना अपना कुंज बनाके परमेश्वर को खिजाके रिसाया ॥ १६ । और मोस् मर जायगा।