पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७१०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

७०४ राजाबली परमेश्वर की दृष्टि में ठीक किया ॥ १.२ । और उस ने गांडुओं को देश दूर किया और उन भूनिन को जिन्हें उस के पितरों ने बनाया था निकाल फेंका। १३ । और उप्त ने अपनी माता मकः को भी रानी होने के पद से अलग किया क्योंकि उस ने कंज में एक मर्ति बनाई थी और असा ने उस की मूर्ति को ढा दिया और कैदरून के नाले के तौर जला दिया॥ १४। परंत ऊंचे स्थान अलग न किये गये नथापि उस का मन जीवन भर परमेश्वर के आगे सिड़ था। १५ । और जो जो बस्तु उस के पिता ने समर्पण किई थी और जे। जो बस्तु उस ने श्राप समर्पण किई शौ अर्थात् रूपा और सेना और पात्र उम ने उन्हें परमेश्वर के मंदिर में पहुंचाया । १६ । और असा में और दूसराएल के राजा बअशा में उन के जीवन भर युद्ध रहा ॥ १७॥ और इसराएल का राजा बनशा यहूदाह के विरोध में चढ़ गया और राम को बनाया जिसने यहूदाह के राजा असा पास किसी को जाने न देवे॥ १८॥ तव असा ने परमेश्वर के मंदिर के भंडार का बचा हुया रूपा और सेना और राजा के वर का धन लेके अपने सेवकों के हाथ में सौपा और असा राजा ने उन्हें राम हजयन के बेटे तरिम्मून के बेटे बिनहदद पास जो दमिशक में रहता था यह कह के भेजा॥ १। कि मेरे और तेरे मध्य में और मेरे बाप के और तेरे बाप के बीच मेल है देख मैं ने तेरे लिये रूपा और सोना भेट भेजी से आये और दूसराएल के राजा वअशा से मेन तोडिये जिसने बुह मेरी ओर से चढ़ जाय ॥ २० । तब बिन हदद ने अमा राजा की बात मानके अपने सेनापतिन को इसराएल के नगरों के विरोध में भेजा और अयून और दान को और अबिल बैतमप्रक: को और समस्त किनारान को नफनाली के समस्त देश सहित मारा॥ २१। और ऐसा हुअा कि जब बअशा ने सुना नब रामः का बनाना छोड़के तिरज: में जा रहा॥ २२। तब असा राजा ने सारे यहूदाह में प्रचारा और कोई न रहा सो बे रामः के पत्थरों को और उस के लट्ठों को जिन्ह से बअशा ने बनाया था उठा ले गये और असा राजा ने बिनयमौन के जिबन को और मिसफा को उन से बनाया ॥ २३ । और असा की समस्त रवरी हुई किया और उस के समस्त पराक्रम और सब जो उस ने किया था और उस