पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७११

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१५ पब्वे ७.५ रोग था। के नगर ने जो जो नगर बनाये से क्या यहूदाह के राजा के समयों के समा. चार की पुस्तक में नहीं लिखा है तथापि उस के बुढ़ापे में उस के पांव में २४ तब असा ने अपने पितरों में शयन किया और अपने पितरों में हाकर में गाड़ा गया और उस का बेटा यहशफात उस की मन्नौ राजा हुआ॥ २५ । और यहूदाह के राजा असा के राज्य के दूसरे बरस यरु विश्राम का बेटा नच इमराएल के संतान का राजा हुआ और उस ने दूसराएल पर दो बरस राज्य किया। और उस ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और अपने पिता के मार्ग में और उस के पाप में जिसे उस ने इमराएल से पाप करवाया चला ॥ २७। तब दूशकार के घराने में से अखियाह के बेटे ब अशा ने उस के विरोध में गुष्ट बांधी और फिलिस्तियों के जिबतून में उसे घात किया [क्योंकि नदब और सारे इसराएल ने जिबतून का घेरा था] । २८ । अर्थात् यहूदाह के राजा असा के तीसरे बरस बअशा ने उसे घान करके उस की मन्ती राज्य किया। २६ । और ऐसा हुआ कि उस ने राज्य पर स्थिर होके यरुबिश्राम के सारे घराने को बध किया और उस ने यरुबिश्राम के लिये एक खासधारौ को न छोड़ा जब लो उसे शन कर डाला जैसा कि परमेश्वर ने अपने सेवक अखियाह शैलनी ६. दारा से कहा था ॥ ३० । कयोंकि यरुबिश्राम ने श्राप बहुत पाप किये थे और दूसराएल से भी पाप करवाये थे और परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर को निपट क्राधित किया था रिसियाके खिजाया था। और नदब की रही हुई क्रिया और सब जो उस ने किया था से दूसराएल के राजाओं के समय के समाचार को पुस्तक में नहीं लिखा है ॥ और और इसराएल के राजा बत्रशा में उन के जोवन भर लड़ाई रही॥ ३३ । और यहूदाह के राजा असा के राज्य के तीसरे बरम अखियाह का बेरा बअशा तिरजः में समस्त इसराएल पर राज्य करने लगा उस ने चौबीस बरस राज्य किया। ३४। उस ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और यरुविश्राम के मार्ग में और उस के पाप में जिसे उम ने दूसराएल से पाप करवाया चलता था । ३२। असा 89 A.B. [6