पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७१३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

७०७ को १ पुस्तक उम ने बअशा के विषय में याह भविष्य इलाके द्वारा से कहा और बअशा के समस्त चराने को नष्ट किया । १३। बअशा के सारे पापों के कारण और उस के बेटे एना के पापा के कारण जो उन्हों ने किय और जिन से उन्हों ने दूसराएल से पाप करवाय या अपनी मदतर से परमेश्वर दूस- राएल के ईश्वर को रिम दिलाया। २५। अब एना की रही हुई क्रिया और सब कुछ जा उस ने किया था से इसराएल के राजायों के समयों के समाचार को पस्तक में नहीं लिखा। १५ । यहूदाह के राजा असर के सताईनव बरस ज़िमरी ने तिरजः में सात दिन राज्य किया चार लोगों ने फिलिस्तियों के जिबतून के बिरोध में कावनी किई ॥ १६ । और जब छावनी के लोगां ने सुना कि जिमरी ने गुष्ट कर के राजा को भी वधन किया है इस लिये समस्त इसराएल ने सेनापति उमरी को लावनी में उसी दिन इमराएल पर राजा किया। ५७। और उमरी ने सारे दूसराएल समेत जिवतन से चढ़ के तिरज: को घेरा॥ १८। और यो हुआ कि जब जिमरी ने देखा कि नगर लिया गया बुह राजा के भवन में गया और अपने ऊपर राजा के भवन में आग लगाके जल मरा॥ १४। उस के पापों के कारण जो उस ने बबिश्राम के मार्ग पर चलने में और अपने पाप में जो उस ने इसराएल से पाप करवाके किया था बुराई किई ॥ २० । और जिमरौ कौ रहो हुई क्रिया और उम का छल जे उस ने किया इसराएल के राजाओं के समय के समाचार की पुस्तक में नहीं लिखा ॥ २१ ॥ उस के पीछे इसराएल लेग दा भाग हर आधे लोग गिनात के बेरे तिवनी को राजा करने के उस को योर और आधे लोग उमरी के पौधे हुए। २२। परन्न जो लोग उमरौ के पौधे हुए थे उन लोगों ने गिनात के बर निबनी को और के लोगों को जोता और निबनी मारा गया और उमरी ने राज्य किया। २३ ॥ और यहूदाह के राजा असा के राज्य के एकनीम बरस जमरौइमराएल पर राज्य करने लगा उम ने बारह बरम राज्य किया निरज में कः बरस राज्य किया । २४। फेर उस ने दो तोडा चांदी पर समरून का पहाड़ समर से मेल ले के उस पहाड़ पर एक नगर बनाया और उस नगर का नाम जो उम ने बनाया था ममरून तो