पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७१४

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७.8 राजावला [२७ पच्च रकवा जो समर के पहाड़ का स्वामी था । २५ । परन्तु उमरी ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और उन सब से जो उससे आगे थे अधिक बुराई किई ॥ २६ । क्योंकि वुह नबात के बेटे यरुबिश्राम के सारे मार्ग में और उस के पाप में चलता था जिस्म उम ने इमराएल से पाप करवाके परमेश्वर इमराएल के ईश्वर को अपनी मूढ़ता से रिस दिलाया ॥ २७॥ अब उमरी की रही हुई क्रिया और उस का पराक्रम जो उम ने दिखाया से इसराएल के राजा के समयों के ममा चार की पुस्तक में नहीं लिखा ॥ २८ । उस के पीछे उमरी अपने पितरों में सो गया और समरून में गाड़ा गया और उस के बेटे अखिअब ने उस की सन्ती राज्य किया। २६ । और यहूदाह के राजा अमा के राज्य के अठतीसवें बरस उमरी का बेटा अखि अब इमराएल पर राज्य करने लगा और उमरी के बेटे अखिअब ने वाईस बरस ममरून में दूसराएल पर राज्य किया । ३०॥ और उमरी के बेटे अखिअब ने उन सब से जो उस्मे आगे घे परमेश्वर की दृष्टि में अधिक बुराई किई ॥ ३१ । और यों हुआ कि उस ने इतने पर बस न किया कि नबात के बैट यरूबिश्राम के से पाप करता था परंतु बुर सैदानियों के राजा इतवअल की बेटौ ईबिल को ब्याह लाया और शाके बअल को पूजा और उस के आगे दडवत किई ॥ ३२ । और बअल के मन्दिर में जा उस ने समरून में बनाया था बअल के लिये एक बेदी बनाई ॥ ३३ । और अखि अब ने कुंज बनाया और परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर का उन सब दूसराएली राजा से जो उसे आगे थे अधिक रिस उभाड़ा॥ ३४ । उस के दिनों में हैएल बैत- ऐली ने यरीहा को बनाया उस ने उम की नव अपने पहिलोठ अनिराम पर डाली और उस के फाटक अपने लहरे सगूब पर खड़ किये जैसा कि परमेश्वर ने नून के बेटे यहसूत्र के द्वारा से बचन दिया था। १७ सत्रहवां पढ़। ब जिलिद के बासियों में से इलियाह लिसबी ने अखिचव से कहा कि परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर के जीवन से जिस के नामे में