पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७१६

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के द्वारा राजावली खाते रहे॥ १६। और परमेश्वर को बचन के समान जो उस ने दलि- याह से कहा था मटके का पिसान और पान का तेल न घटा। १७। और इस के पीछे ऐसा हुआ कि घर की खामिनो का बेटा रोगी हुअा और उस का रोग ऐसा बढ़ा कि उस में प्राण न रहा ॥ १८ । तब उस स्त्री ने इन्नियाह से कहा कि हे ईश्वर के जन तुझ से मुझ से क्या प्रयोजन त मेरे पाप सारण कराने को और मेरे बेटे को नाश करने को आया है। १६ । और उस ने उससे कहा कि अपना बेटा मुझ दे और वुह उम की गोद से लेके उसे कोठे पर जहां बुह रहता था चढ़ा ले गया और उसे छपने बिकने पर लेटाया॥२.। और उस ने परमेश्वर से प्रार्थना करके कहा कि हे मेरे ईश्वर परमेश्वर क्या तू ने इस रांड पर भी विपत्ति भजी जिस के यहां में उतरा हूं कि उस के बेटे का नाश करे। तब उस ने आप को तीन बार उस बालक पर फैलाया और परमेश्वर से प्रार्थना करके कहा कि हे मेरे ईश्वर परमेश्वर में विन तो करता हूं कि इस बालक का प्राण दूस में फिर आचे॥ २२। तब परमेश्वर ने इलियाह की प्रार्थना सुनी और बालक का प्राण उस में फिर आया और बुह जौ उठा॥ २३ । तब इलियाह उस बालक को उठाके कोठरी में से घर के भीतर ले गया और उसे उस को माता को सौप दिया और लियाह ने कहा कि देख तेरा बेटा जीता है। २४। तब उस स्त्री ने इलियाह से कहा कि अब इसे मैं जानती हूं कि त ईश्वर का जन है और तेरे मुंह से परमेश्वर का वचन सत्य है। १८ अठारहवा पर्छ। पर बहुत दिन के पीछे ऐसा हुआ कि तीसरे बरस परमेश्वर का बच्चन इलियाह पर उतरा कि आप को अखिअब पर प्रगट कर और मैं देश में मेंह बर पाऊंगा॥ २ । और ज । दूलियाह अपने तई अखिअब को दिखाने गया तब समरून में बड़ा अकाल था। ३। तब अखिअब मे अपने घर के अध्यक्ष अर्वादयाह को बुलाया अब अदिवाह ईश्वर से बहुत डरता था। ४। क्योकि यों हुआ कि जब ईजबिल ने ईश्वर के भविष्यद्वक्तां को मार डाला तो अबदिया ह ने मे। भविष्यकों को लेके