पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७३०

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७२४ राजावली [२२ प बनाय और बालाकि परमेश्वर या कहता है कि त इन से अरामियों का गोदेगा यहां लो कि उन्हें नाश करेगा ॥ १२ । नब मारे भविष्यदतों ने यह कहके भविष्य कहा कि रामात जलि अद पर चढ़ जाइये और भाग्य- मान हूजिये क्योंकि उसे परमेश्वर राजा के हाथ में सौपेगा॥ १३ । और जादूत मौकायाह को बुलाने गया था उस ने उसमे यह कहा कि देख भविश्यहां का बचन एक सां राजा के लिये भला है इस लिये में बिनती करता हूँ तेरा बचन उन में से एक के बचन की नाई होवे और भला कहिया १४ ॥ और मीकायाह बोला कि परमेश्वर के जीवन से परमेश्वर जो मुझे कहेगा वही मैं कहूंगा॥ ९५ । सेो बुद्द राजा पास आया और राजा ने उसे कहा कि हे मौकायाह हम लड़ने को रामात जिसिअद पर चढ़े अथवा रह जायें तब उस ने उसे उत्तर दिया कि चढ़ जा अगर भाग्यवान हो क्योंकि परमेश्वर उसे राजा के हाथ में कर देगा। १६ । फिर राजा ने उसे कहा कि मैं के बेर तुझे किरिया खिलाया करूं कि तू परमेश्वर के नाम से सच्ची बात से अधिक कुछ न कह । १७। तब उम् ने कहा कि मैं ने सारे इमराएल को बिन चरवाहे की भड़ों के समान पहाड़ों पर बिथरे हुए देखा और परमेश्वर ने कहा कि कोई उन का स्वामी नहीं सो उन में से हर एक जन अपने अपने घर कुशल से चला जाय ॥ १८ । नव दूसराएल के राजा ने यहसफत कहा मैं ने ता से नहीं कहा कि बुह मेरे विषय में भला भविष्य न कहेगा परन्तु बुरा॥ १६ । फिर मौकायाह ने कहा कि परमेश्वर के बचन को मनो में ने परमेश्वर को अपने सिंहासन पर बैठे और वर्ग की सारी सेना को उस के दाहिने बायें खड़ी देखा ।। २। नब परमेश्वर ने कहा कि अखिअब को कौन लेगा जिसतं बुह रामात जिलिद पर चढ़ के जूझ जाय तब उन में से एक ने कुछ कहा दूसरे ने कुछ ॥ २१। उस समय में एक श्रामा निकल के परमेश्वर के आगे आ खड़ा हुआ और बोला कि मैं उस का बोध करूंगा। २२। फिर परमेश्वर ने कहा कि किस्से वह बोला मैं जाऊंगा और उस के सारे भविष्यद्वका के मह में मिथ्या आत्मा हूंगा तब उन ने कहा कि न उम का बोध करेगा और प्रबन भी होगा बाहर जा चौर ऐसा कर ॥ २३। सो देख परमेश्वर ने तेरे उन सव