पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७३६

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[२ प ।। राजावली यहूदाह के राजा यह सफत के बेटे यहूराम के दूसरे बरस में यहूराम उस की सन्ती राज्य पर बैठा इस कारण कि उस का कोई बेटा न था १८। और अखजयाह को रही हुई क्रिया जा उस ने किई क्या इम- राएलो राजा के समयों के समाचार को पुस्तक में लिखा नहीं । २ टूसरा पल ॥ र यों हशा कि जब परमेश्वर ने चाहा कि इलियाह को बोडर में खर्ग पर ले जाचे तब इलियाह इलीसा के साथ जिलजाल से चला ॥ २। और इलियाह ने दूलौमात्र को कहा कि यहां ठहर जा क्योंकि परमेश्वर ने मझो बैतएल को भेजा है तब इलीसाथ ने कहा कि परमेश्वर के जीवन और तेरे प्राण के जीवन से मैं तुझे न छाडंगा से ये बैतएल को उतर गये । ३। और बैतएल के भविष्यद्वक्ता के पुत्र ने निकल आके इलीसा से कहा कि तुझे कुछ चेन है कि परमेश्वर आज तेरे सिर पर से तेरे खामी को उठा लेगा वुह बोला कि हां में जानना हं ४। तब इलियाह ने इलौना को कहा कि यहाँ ठहरजा क्योंकि परमेश्वर ने मझे यरोहा को भेजा है उम ने कहा कि परमेश्वर के जीवन और तेरे प्राण के जीवन से में तुझ न छाडंगा से वे दोनों यरौहा को आये ॥ ५ । और भविश्यकों के संतान जो परोहा में थे दूलोसाअ पाम आये और उसी कहा कि तुझे कुछ चेन है कि परमेश्वर अाज तेरे खामी को तेरे सिर पर से उठा लेगा उम ने उत्तर दिया कि हां मैं जानता ह तम चुप रहो ॥ ६। और इलियाह ने इलोमात्र को कहा कि यहां ठहर जा क्योकि परमेश्वर ने मझे यरदन को भेजा है वह बोला कि परमेश्वर के जोवन और तेरे प्राण के जीवन से मैं तुझे न काउंगा सो वे दोनों बढ़ गये ॥ ७॥ और पचास मनुष्य भविष्यदक्कों के पुत्रों में से चले और दूर खड़ है।के देखने लगे और वे दोनों यरदन के नीर खड़े हुए। ८। और इलियाह ने अपना आढ़ना लिया और नर के पानियां को मारा और वे इधर उधर बिभाग हो गये यहां लो कि वे दोनों सूखे सूख उतर गये। है। और जब पार हुए तो इलियाह ने इलीसा से कहा कि तुझ से अलग किये जाने से आगे तुम दुप रहो॥