पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७४०

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राजावलौ [४ पर्व अच्छी भूमि को पत्थरों से विगाड़ोगे। २०। और बिहान को यों हुआ कि जब भेंट चढ़ाई गई तो देखा कि अदम के मार्ग से पानी प्राया और देश पानी से भर गया ॥ २१। और माअबियों ने यह सुन के फि राजा हम से लड़ने चढ़ आये हैं उन्हों ने ललकार के सभी को जो करिहांव बांध मक्ते थे एकट्ठा किया और अपने सिवाने पर खडे हुए ॥ २२। और बड़े तड़के उठे और सूर्य पानी पर चमकने लगा और मेअिबियों ने उस पार से पानी का लोहू मा लाल देखा ॥ २३ । तब वे बोल उठ कि बुह लोह है निश्चय राजा नष्ट हुए और एक ने दूसरे को बधन किया है हे माबियाँ अब लूटो॥ २४। और जब वे मराएन की छावनी में आये नो इमरा- एलो उठ और मोवियों को यहांले मारा कि वे उन के आगे से भाग निकले परन वे माअबियों को मारते हुए बढ़ते गधे श्रोत देश में ॥ २५ । और उन्हों ने उन के नगरों को ढा दिया और हर एक जन ने हर एक अच्छे स्थान पर अपना पन्थर डाला और उसे भर दिया और पानी के सारे क भाठ दिये और मब अच्छे पेड़ गिरा दिये यहां लो कि कौर. हरासत के पत्थरों से अधिक कुछ बचा न रहा तथापि ढलवासियों ने उसे जा घेरा और मार लिया॥ २६। और जब माअब के राजा ने देखा कि संग्राम मेरे लिये अति भारी हुआ तो उस ने अपने मंग मात सो जन खड़धारी लिये जिसने अदम के राजा ला पैठे परन्त न सके ॥ २७ ॥ तब उस ने अपने जेटे बेटे को लिया जिसे उस की सन्ती राज्य पर बैठना था और उसे भीत पर होम के बलिदान के लिये चढ़ाया और दूसरायसियों के विरुद्ध बड़ा जलजलाहट हुना और वे उसी हट गये और देश में फिर आये। । चाया पर्व। व भविष्यहां के पुत्रों को पत्रियों में से एक स्त्री इलीसा के जानता है कि तेरा सेवक परमेम्बर से डरता था और अब धनिक अाया है कि मेरे दोनों बेटों को लेके दाम बनावे ॥ २। तब दूलीसाथ ने उस्मे कहा कि मैं तेरे लिये क्या करूं मुझे बतला तुझ पाम घर में क्या