पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७४५

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५ पन्ने] खडा हुत्रा॥ को २ पुस्तक । अपने घोड़ और अपने रथ समेत आया और इलीसा के घर के द्वार पर १०। तब इलीमा ने रम पास दूत भेज के कहा कि जा और यरदन में सात वेर नहा और तेरा शरीर फिर पवित्र हो जायगा । १९। परन्तु नअमर न यह कहके क्रुद्ध होके चला गया देख मैं ने कहा था कि बुह निश्चय मुझ पास निकन आवेगा और खड़ा होके अपने ईश्वर परमेश्वर का नाम लेगा और उस स्थान पर हाथ फेरेगा और कोढ़ को चंगा करेगा। १२ । क्या अमान: और फरफर दमिशक की नदिया इसराएल के सारे पानियों से कितनी अच्छी नहीं मैं उन में नहा के नहीं हो सका बुह फिरा और कोपित चला गया। १३। तब उसके सेवक उस पाम आये और यह कहके बोले कि हे पिता यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कुछ भारी बात बताता तो तू उसे न मानता फेर कितना अधिक जब बुह तुझे कहता है कि नहा और शुद्ध हो । १४। तब बुर उतरा और जैमर कि ईश्वर के जन ने कहा था यरदन में मान बेर दुबकी मारी और उस का शरीर बालक के शरीर के समान फिर हो गया और पवित्र हुआ॥ १५॥ तब वह अपनी सारी जथा समेत ईश्वर के जन के पाम फिर आया और उम के आगे खड़ा हुआ और यों कहा कि देखिये अब मैं जानताहूं कि समस्त विवो में दूसराएल में कोई कोई ईश्वर नहीं है इस लिये अब अनुग्रह कर के अपने सेवक की भेंट लीजिये ॥ १६ । परन्तु उस ने कहा कि उस परमेश्वर के जीवन से जिम के आगे मैं खड़ाई कुवन लेऊंगा और उस ने उसे बहुत सकेतौ में डाला कि लेवे परन्तु ने १७। औरर नअमान ने कहा कि मैं तेरी बिनती करता हूं तेरे सेवक को दो खच्चर भर के मिट्टी न मिलेगी क्योंकि तेरा सेबक आगे को परमेश्वर को छोड़ दूसरे देवा के लिये न बलिदान न होम की भेंट चढ़ावेगा॥ १८ । परन्तु इस बात में परमेश्वर तेरे सेवक को क्षमा करे कि जब जब मेरा खामी पूजा के लिये रिम्मन के मन्दिर में जाय और वुह मेरे हाथ पर छोठंगे और मैं रिम्मान के मन्दिर में झुकां से जब में रिम्भन के मन्दिर में झुको तब परमेश्वर इस बात में तेरे सेवक को क्षमा करे॥ १८ । उस ने उसे कहा कि कुशल से जा सो वह उस्मे थोड़ी दूर २.। परन्तु ईश्वर के जन दूलीमा के सेवक जैहाजी ने कहा उम न माना। गया।