पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७५७

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कौर पुस्तका ७५९ लताडा॥ दिया और उस का लाभोन पर यार पाड़ा पर पड़ा और उम ने उसे ३४। और भीतर आके खा पी के कहा कि जाना और उस सापित को दखा चार उसे गाड़ा क्योंकि वह राज पुत्री है ॥ और वे उसे गाइने गये परंत उन्हों ने उस की खापड़ी और उम के पात्रों और हथेलियों से अधिक कुछ न पाया। ३६ । तब वे फिर पाये और उसे मन्देश दिया बुह बोला कि यह बुह बान है जो परमेश्वर ने अपने सेवक इलियाह तिसवी मे कही थी कि यजर अऐल के भाग में कुन्ने ईविल का मांस खायेंग॥ ३७। और ई बिल को लोथ यजरअएल के भाग में खेत पर खाद की नाई पड़ी रहेगी और न कहगे कि यह ईबिन है ओ २। जैसा १. दसवां पब्बै। पर समरून में अखि अब के सत्तर बर थे से थाह ने पत्र लिखे और जरअरेस के आज्ञाकारियों के और प्राचीनों के और अखिअव के सन्तानों के पालकों के पास समरून को यह कहके भजा॥ कि तुम्हारे प्रभु के बरे और रथ और घोडे और बाड़ित नगर और नगर भी और अस्त्र हैं से। इस पत्र के तुम्हारे पास पहुंचते हो। ३। जा तुम्हारे खामी के बेटों में से सब से अच्छा और योग्य होवे दख के उस के पिता के मिहासन पर उसे बैठायो और अपने सामो के घर के लिये लड़ाई करो॥ ४ । परन्तु वे अन्यन्त डर गये और बोले कि देखा दो राजा तो उस का सामना न कर सके फर हम क्या कर ठहरंग॥ ५॥ तव जो घर का प्रधान था और जो नगर का प्रधान था और प्राचीन और पालकों ने याहू को कहला भजा कि हम तेरे सेबक है त जो कुछ कहेगा से सब हम मानेंगे हम राजा न बनावेंगे जा तुझ अच्छा लगे सेो कर । ६ । तब उस ने उन के पास यह कह के दूसरी पत्री लिखो कि यदि तुम मेरौ और हे। और मेरा शब्द मानोग तो अपने खामी के बेटों के मस्तका को लेके कल इमो समय मुझ पास यजरअएल में चले आओ अब राजा के बेटे सत्तर जन होके नगर के महत लोगों के साथ ये जा उन के पालक थे। ७. और जब यह पत्री उन के पास पहुंची तो उन्हों ने सत्तर जन D