पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७६०

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Cy! राजावनी इमराएलियों से करवाया था वोड़ न दिया अथात् सोने के बछड़ों को जा बैतएल और दान में थे रहने दिया । ३० । तब परमेश्वर ने या से कहा इस कारण कि जो मेरो दृष्टि में अच्छा था तू ने उसे किया है और जो कुछ कि मेरे मन में था तू ने अखिअब के घराने पर किया है सेो तेरे सन्तान चौथी पीढ़ी लो दूसराएल के सिंहासन पर बैठेंगे। ३१॥ पर याहू इसराएल के ईश्वर परमेश्वर की व्यवस्था पर अपने सारे मन से न चला क्योंकि उस ने यरु विश्राम के पापों का न छाड़ा जिम ने दूसराए- लियो से पाप करवाया । ३२ । उन दिनों में परमेश्वर ने इसराएलियों को काट काट के घटाना प्रारंभ किया और हजाएल ने उन्हें इसराएल के मारे सिवानों में मारा ॥ ३३। यरदन से लेके उदय की और सारे जिलिश्रद के देश और जद और रूबीनी और मुनस्मौ अरायर से लेके जो अरनून की नदी के लग है अर्थात् जिलिद और वसन लो। ३४ । अब याहू को रही हुई क्रिया और सब जो उस ने किया और उस के मारे पराक्रम क्या इसराएली राजाओं के समयों के समाचार को पुस्तक में नहीं लिखा ॥ ३५ । उस के पीछे याहू अपने पितरों में से रहा और उन्हों ने उसे समरून में गाड़ा और उस के बेटे यअखज़ ने उस को मन्ती राज्य किया ॥ ३६ । और जिन दिनों में याहू ने समरून में इसराएल पर राज्य किया से अट्ठाईस बरम थे। त ११ ग्यारहवा पब्ब व अखजयाह को माता अतलीयाह ने ज्या देखा कि मेरा बेटा मूअर तो उठी और राजा के सारे बंश को मार डाला। २ । परन्तु अखजयाह की बहिन यराम राजा की बेटी यह सब ने अखजयाह के बेटे यूास को लिया और उसे उन राज पुत्रों में से जो मारे गये य चुरा के उसे और उस की दाई को शयन स्थान में अनसीयाह से छिपाया यहां लो कि चुह मारा न गया ॥ ३। और वुह उस के साथ परमेश्वर के मन्दिर में छ: बरम लो किपा रहा और अतलीयाह देश पर राज्य करती रही। ४। और सातवें बरम यहूयदः मे से। सो के अध्यक्षों को और प्रधानों को पहरुओं समेत बला भेजा और उन्हें परमेश्वर के मन्दिर में