पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७६८

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उम २०। और राजावन्नी [१४ पर्च हुआ नहीं है। १.६। और यह अस ने छापने पितरों में शयन किया और इमराएनौ राजाओं के मंग समरून में गाड़ा गया और उस के बट यविश्राम ने उस को सन्ती राज्य किया ॥ १७। और यहूदाह के राजा यूआम का बेटा अभमियाह इसराएल के राजा यहअखज के बेटे यहूनम के मरने के पीछे पन्दरह बरस जोया । १.८। और अमसियाह की रही हुई मिया क्या यहूदाह के राजा के समयों के समाचार की पुस्तक में लिखी हुई नहीं है। १९ । अब उन्होंने यहमलन में के विरोध में युक्ति बांधी नब बुह लकौस को भाग गया फिर उन्होंने उस केपीके लोग लकीस में भज और वहां उसे मार डाला। वे उसे घोडों पर लाये और दाऊद के नगर में यरूमलम में उम के पितरों के संग गाड़ा ॥ २१ । तब यहूदाह के मारे लोगों ने अजरियाह को जो सोलह बरम का था] लेके उम के पिता अमसियाह को सलो राजा किया। २२ । उम ने एलान का नगर बनाया और यहूदाह में मिला दिया उस के पीछे राजा ने अपने पितरों में शयन किया। २३ । और यहूदाह के राजा यास के बेटे अमसियाह के पन्दरहवं बरम इसराएन के राजा यह श्राम का बेटा यरुबिग्राम समरूम में दूसराएल के सन्तान पर राज्य करने लगा उस ने एकतालीस बरस राज्य किया। २४ । और उस ने परमेश्वर को दृष्टि में वराई किई और नवान के बेटे यविश्राम के सारे पापों के कारण जिस ने दूसराएल से पाप करवाया छोड़ न दिया ॥ २५ । और उम ने हमात की पेठ से लेके चौमाम के ले इमराएल के ईश्वर परमेश्वर के वचन के समान जो उम ने अपने सेवक जनहि फर के भविष्यवक्ता अमिन के बेटे यन के द्वारा से कहा था उस ने इसराएल के सिबाने को फेर दिया॥ २६ । क्योंकि परमेश्वर मे दूसराएल को कष्ट को देखा कि अति है क्योकि न कोई बंधन में घा न कोई छोड़ा गया और न कोई इसराएल का रक्षक था। २७ । और परमेश्वर ने यह न कहा था कि मैं खर्ग के नौच से दूसराएल का नाम मिटा- ऊंगा परंतु उम ने उन्हें यहूम के बेटे यरुमिश्राम के द्वारा से बचाया। २८। और अब यरुविनाम की रही किया और सव जो उस ने किया और उम का पराक्रम कि क्यों कर लड़ा और दमिशक को और वहदाह