पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७७४

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राजावलो ५। १७ सबयां पब्बै। बार समरून में इसराएल पर राज्य करने लगा उस ने नव बरस राज्य किया ॥ २। और उस ने परमेश्रर की दृष्टि में बुराई किई परंतु इसराएल के राजाओं के समान नहीं जो उस भागे थे। ३। अमूर का राजा शलमनाज़र उस के विरोध में चढ़ पाया और इसौअ उस का सेवक होके उसे भेंट देने लगा। ४। और अस्र के राजा ने हसौत्र में बैर को युक्ति पाई क्योंकि उस ने मित्र के राजा पास दूतों को भेजा था और जैसा वुह बरस बरस करता था असूर के राजा के पास भेट न भेजी इम निय असूर के राजा ने उसे बन्धन में किया और बन्दीगृह में डाला ।। तव असूर का राजा सारे देश पर चढ़ गया चार समरून पर आके तौन बरस उसे घरे रहा ॥ ६। और हसौछ के नवें बरस में अमूर के राजा ने समरून को ले लिया और दूसरालियों को अमृर में ले गया और उन्हें खत्म ह औऔर शवर में जौजाब नहीं के पास चौर मादियों को बस्तो में बताया॥ ७१ क्योंकि इसराएल के सन्तान ने परमेश्वर अपने ईश्वर के बिरोध में जिस ने उन्हें मिस्र की भूमि में से निकाल के मिस्र के राजा फिरऊन के हाथ से मुक्ति दिई पाप किया अरु चौर देवों से डरता घा॥ ८। और अन्धदेशियों की विधिन पर जिन्हें परमेश्वर ने इसराएल के सन्तान के आगे से दूर किया घा] चार इसराएली राजाओं के जो उन्हों ने किई थीं चलता था। । चार इ.सराएल के सन्तानों ने परमेश्वर अपने ईश्वर के बिरुद्ध छिप छिप के ठीक न किया और उन्हों ने अपनी सारी बस्तियों में पहरू के गर्गज से लेके बाड़े के नगर ना ऊंचे ऊंचे स्थान बनाये ।। . 1 और हर एक पहाड़ पर और हर एक हरे पेड़ के नीचे मर्ने स्थापित किई ॥ ११ । और कुंज लगाय और अन्यदेशियों के समान जिन्हें परमेश्वर ने उन के नाम से दूर किया सारे अंचे स्थान में धूप जलाये और दुष्टता कर के परमेघर को रिस दिलाया ॥ १२। क्योंकि उन्होंने मूत्ति पजौ जिन के विषय में परमेश्वर ने उन्हें कहा था कि हम यह काम मत कीजियो । १३ । नद भी परमेश्वर ने मारे