पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७७५

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को २ पुस्तक । भविष्यद्वक्ता और मारे दर्शियों के द्वारा स इसराएल के सन्तान पर और यहूदाह के सन्तान पर यह कह के माक्षी दिई कि अपने बरे मागी से फिरो और मेरो श्राज्ञायां और मेरी बिधिन को सारी व्यवस्था के समान जो मैं ने तुम्हारे पितरों को आज्ञा किई और जिन्हें मैं ने अपने सेवक भविष्यकों के द्वारा से तुम पास भेजा पालम करो॥ १४ । तथापि उन्हों ने न माना परन्त अपने पितरों के गले के समान जा परमेश्वर अपने ई मार पर विश्वास न लाये थे अपने गले का कठोर किया। ५ ५ । और उन्हों ने उम की विधिन को और उस की बाचा को जो उस ने उनके पितरों से किई और उस की माक्षियों को जो उस ने उन के विरोध में माक्षो दिई थी न्याग किया और व्यर्थ का पौछा किया और व्यर्थ होके अपने चारों ओर के अन्यदेशियों का पीछा किया जिन्हें परमेश्वर ने उन्हें चिता रक्खा था कि तुम उन के ममान मत कीजियो । २६ । और उन्हों ने परमेश्वर अपने ईश्वर की श्राज्ञाओं को छोड़ दिया और अपने लिये ढाली हुई मून' और दो बलियां बनाई और एक कुंज लगाया और श्राकाश की सारी सेना की पूजा किई और बअल को सेवा करते थे ॥ १७। और उन्हों ने अपने बेटा को और अपनी बेटियां को आग में से चलाया और बागम कहने और टोना करने लगे एरमेश्वर की दृष्टि में उसे रिसियाने के लिये और बुराई करने के लिये आप को बेचा। १८ । इस लिये परमेश्वर इसराए न पर निपट रिसाया और उन्हें अपनी दृष्टि से अलग किया और केवल यहूदाह को गोष्ठौ को छाड़ कोई न छूटा। १६ । और यहूदाह के सन्तान ने भी परमेश्वर अपने ईश्वर की आज्ञाओं को पान्नन न किया परन्तु इसराएलियों की किई, हुई बिधिन पर चलते थे। । तब परमेश्वर ने इसराएल के सारे बंश को त्याग किया और उन्हें कष्ट दिया और उन्हें लटेरों के हाथ में सौंप दिया यहां लो कि उम ने उन्हें अपनी दृष्टि से दूर किया । २१ । क्योंकि उम ने इमराएल को दाजद के घराने से निकाल दिया और उन्हों ने नबान के बेटे यरुबि आम को राजा किया और यरुबिधाम ने दूसराएल को परमेश्वर का पाक्का करने से दूर किया और उन से बड़ा पाप २२। क्योकि दूसराएल के सन्तान यरुविश्राम के किये हुए [ [A. B. S. करवाया। 97