पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७८२

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राजावली के राजा राजा और अरफरद और सिघ्रबाइम के नगर का राजा हेना और अयबा के कहां हैं ॥ ९४ । सो हिज़कियाह ने दूतों के हाथों से पत्री पाई और पढ़ के परमेश्वर के मन्दिर में चढ़ गया और परमेश्वर के प्रागे फैलाई। १५ । और हिकियाह ने परगेश्वर के आगे प्रार्थना करके कहा कि हे परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर जिस का सिंहासन करोबौम पर है केवल तू ही सारौं पृथिवी के राज्यों का ईअर है तू ही ने खर्ग और एथिवी को निजी है। १६ । हे ईश्वर कान घर के सुन हे परमेश्वर अपनी अांखें खाल और देख और सनहेरौब की बातों को जा उसने जीबते ईश्वर की मिन्दा के लिये कहला भेजी है मन ॥ १७॥ सच है हे परमेश्वर कि असर के राजा ने जातिगणों को और उनके देश को नाश किया। १८ । और उन के देवों को भाग में डाला क्योंकि वे देव न घे परन्तु मनुष्यों के हाथों के कार्य लकड़ी और पन्थर इसी लिये उन्हें में उन्हें नाश किया ॥ १६ । और अब हे परमेश्वर हमारे ईश्वर मैं तेरी बिनती करता हूं तू हमें उस के हाथ से बचा ले जिसतं पृथिवी के मारे राज्य जानें कि परमेश्वर ईश्वर केवल त है तू है। २० । तब अभूम के बेटे यमश्रियाह ने हिजकियाह को कहला भेजा कि परमेश्वर इसराएल का ईश्वर यों कहता है कि जा राजा सनहेरीब के विरोध में प्रार्थना किई है मैं ने सुनौ है॥ २१। यह बुह बचन है जो परमेश्वर ने उस के विषय में कहा है कि सैहन की कुंवारी बेटी ने तेरी निन्दा किई और तुझ पर इंमो और यरूसलम की बेटी ने तझ पर सिर धना ॥ २२ । तू ने किस को निन्दा किई और पाषंड कहा है चोर त ने किम पर शब्द उठाया और अांखें चढ़ा के ऊपर किई अर्थात् इसराएल के पवित्रमय के विरोध में | टूतों के द्वारा से परमेश्वर को निन्दा करके कहा है कि मैं अपने रथों की बहुताई से पहाड़ों की ऊंचाई पर और लुबनान की अलंगों पर चढ़ा और वहां के ऊंचे ऊंचे प्रारज पेड़ को और चुने हुए देवदारु पेड़ को कार डालंगा और मैं उस के निवाने के निवासे में और उसके बन के और बारी में पैलूंगा॥ २४ । मैं ने खोदा है औरर उपरौं पानी पीया है और मैं ने अपने पांव के तलवों से मिस की सारौ नदियों को सुखा दिया है कुछ तू ने असुर के १३। तने अपने