पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७८५

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२ पक्तक। और पत्रो हिजकियाह का भजौ क्याकि उम ने सना था कि हिजकियाह रोगी था॥ १३ । सेर हिजकिया ह ने उन की बात सुनी और अपने घर की सारौ बहु मल्य वस्तं चांदो और सेना और सुगन्ध चार मुगन्ध नेल और शस्त्र अपने सारे स्थान और सब जो उसके भंडारो में पाये गये उन्हें दिखाये उस के घर में और उम के सारे राज्य में ऐम कोई वस्तु न थी जो हिजकियाह ने उन्हें न दिखलाई।१४। तब यसअियाह भविष्यका हिजकियाह राजा पाम आया और उसे कहा कि इन लोगों ने क्या कहा और य कहां से तझ पास प्राय हिज कियाह ने कहा कि ये बाबुल के दूर देश से आये हैं। १५ । फिर उम ने पक्का कि उन्हों ने तेरे घर में क्या देखा है हिजकियाह बोला कि मेरे घर कर सब कुछ उन्हो ने देखा है मेरे भंडार में एसी कोई बस्त ने रहौं जा मैं ने उन्हें न दिखलाई । १६। नव याश्रियाह ने हिजकियाह से कहा कि परमेश्वर का वचन १७। देख वे दिन अाते हैं कि मब कुछ जो तेरे घर में हैं और जो कुछ कि तेरे पितरो ने अाज लो बटार र क्या है बाल को पहुंचाये जायगे और परमेश्वर कहता है कि कुछ न काडा जायगा ॥ १८। और तेरे बेटों में से जो तुझ से उत्पन्न होगे और तक से जन्मगे उन्हें वे ले जायेंगे और ब बन्न के राजा के भवन में नपुंसक होग॥ १८ । तब हिजकियाह ने यमश्रियाह से कहा कि परमेश्वर का बचन जोत ने कहा है अच्छा है फिर उस ने कहा कि कुशल और सच्चाई मेरे दिनों में होगी। २०। हिज- कियाह की रही हुई क्रिया और उस का सारा पराक्रम और किस रीति से उस ने एक कुड बार एक पनाला बनाया और नगर में पानी लाया से क्या यहूदाह के राजा के समया के समाचार को में नहीं लिखा है। २१ । तब हिज कयाह ने अपने पितरों में शयन किया और उस का बेटा मुनस्मो उस को सतो राज्य पर बैठा । २१ एक्कीसवां पढ़। जा मुनम राज्य करने लगा नव वुह बारह बरस का था उस ने पचपन बरम यरूमलम में राज्य किया और उस को माता का नाम हिफजिया था। २। और उस ने अन्यदशियां के घिनितों क ममान