पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७८८

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राजावलो २। उसने याह २२ बाईसयां पच व यूनियाह राज्च करने लगा तो आठ वरम का था उस ने एक. तोस बाम यरूसलम में राज्य किया उस की माता का नाम बदीदा था जो बम कन के अदयाह को बरी थी । परमेश्वर को दृष्टि में भलाई, किई और अपने पिना दाऊद को सारी चालों पर चलना था और दहिनी अथवा बाई चार न मड़ा॥ ३ । यूसि- के ३ ठारहवें बरस या हुआ कि राजा ने मनम के बेटे अमलियाह के बेटे साफन लेखक को पर मेश्रा के मन्दिर में कहला भजा॥ ४ । कि तू प्रधन याजक खिलाकयाह पाम जाकि बुह परमेश्वर के मान्दर की चांदी का लेखा करेजा द्वारपालो ने लोगां से एकट्ठा किया॥ ५। और वे उन्हें कार्यकारियों के हाथ में माप ज्ञा परमेश्वर के मंदिर के करोड़ है और वे उन्हें परमेश्वर के मन्दिर के कार्यकारियां का देव कि वे मन्दिर के दरारों को मुधारे॥ ६ । अर्थात् बढ़ेया का और थयों को और पथरियों को और नट्ठां के और गढ हुए पत्थर मे स लेने के लिये जिसमें धर सुधारें। ७। निम पर भी रोकड का लेखा जा उन के हाथ में दिया गया था उन से न लिया जाता था दूस लिय कि वे धर्म से व्यवहार करते थे। का और प्रधान याज क खिलकियाह ने माफ़न लेखक को कहा कि मैं ने परमेश्वर के मन्दिर में व्यनस्या को पुस्तक पाई है और खिलकियाह ने बुह पुस्तक साफ़न को दिई और उस ने पढ़ो। <। और साफम लेखक राजा पास आया और राजा का संदश पहुंचाया। क तेरे सेयकों ने रोकड जो ईश्वर के मन्दिर में पाया गया पिघलाया है और कार्यकारियां के हाथ मौपा है जा परमेश्वर के घर के कड़ारे हैं । १० । अब साफन लेखक ने राजा से कहा कि खिल कियाह याजक ने मुझे एक पुस्तक दिई है और माफन ने उसे राजा के आग पढ़ी॥ ११ । और राजा ने ज्यां उन पुस्तक के आभप्राय का मुना त्यां अपने कपड़ फाड़े॥ १२। और खिलाकयाह याजक और स फन के बेटे श्रीश्राम और मौका के बेटे और साफन लेखक और राजा के सेवक असायाह को कहा।