पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७९३

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२३ पन्च ३० । और को २ पल्तक । की रही हुई क्रिया और मब जो उम ने किया सेो यह दाह के राजाओं के समयों के समाचार की पस्तक में नहीं लिखा है। २८ । उम के दिनों में मिस का राजा फिरऊन निकाह अम्मर के राजा के विरोध में पु रात को नदी को चढ़ गया और यू मियाह राजा ने उस का माम्ना किया और उस ने उसे देख के मजिद्दा में घात किया । उस के सेवक उसे रथ में डाल के मजिद्दी से यरूमलम में ले गये और उसे उसी को समाधि में गाडा और देश के लोगों ने यसियाह के बेटे यहूअख़ज को लेके अभिषेक किया और उस के पिता की सन्तौ उसे राजा किया। ३१ । और जब यहअखज़ राज्य करने लगा वुह तेईम बरस का था उसने यरूमसम में तीन मास राज्य किया उम् की माता का नाम हमतन्न था जो निबनः के यरमियाह की बरौ थी। ३२। और उस ने उन सब के ममान जो उस के पितरों ने किया था परमेश्वर को दृष्टि में बुराई किई ॥ ३३ । सो फिरजन निकाह ने उसे हमान देश के रिबल: में बन्धन में डाला जिसने बुह यरूसलम में राज्य न करे और देश पर मो नोड़े चांदी और एक तोड़ा सोमा कर ठहराया ॥ ३४। और फिरजन निकाह ने यसियाह के बेटे इलयाकीम को उम के पिता यूसिवाह को सन्तो राजा किया और उस का नाम यजयकीन रखा और यहूअखज़ को ले गया और वह मिस में जाके मर गया॥ ३५। और यहूयकीन ने चांदी और सेना फिरजन को दिया और फिरजन की आज्ञा के समान रोकड़ दने को उस ने देश पर कर लगाया और देश के लोगों के हर एक जन से उस के कर के ममान चांदी सोना निचोड़ा जिस ते फिरकन निकाह को देवे। ३६। यहधकौन जब राज्य पर बैठा तब पचौम बरस का था और उम ने यरूमलम में ग्यारह बरस राज्य किया और उस को माता का नाम जबूढः था जो रूमः फिदायाह की बेटी थी॥ ३७॥ और उम ने उन सब के समान जो उस के पितरों ने किया था परमेश्वर की दृष्टि में बराई किई। की