पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७९४

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राजावस्ती [२४ पब्ब २४ चौबीसवां पर्य। प के दिनों में बाबल का राजा नवखुद नज़र चढ़ आया और उ यहूयकीन नौन बरस लो उस का सेबक रहा तब वुह उस के बिराध में फिरा॥ २। और परमेश्वर ने कसदियों की और अरामियों को और मोअबियों की और अम्मन के सन्तान की जथाओं को अपने बचन के समान जैसा उम ने अपने सेवक भविष्यद्वक्त के द्वारा से कहा था यहूदाह के विरोध में उसे नाश करने को भेजा ॥ ३॥ निश्चय परमेश्वर को आज्ञा के समान यह सब कुछ मुनमी के पापों के कारण जो उस ने किये यहूदाह पर पड़ा कि उन्ह अपनी दृष्टि से दूर करे॥ ४। और निर्दोष लोहू के कारण भी जो उस ने बहाया क्योंकि उस ने यरूसलम को निर्दोष लोह से भर दिया जिस की क्षमा परमेश्वर ने न चाही। ५। अब यहू- यकीन की रही हुई क्रिया और सब जो उस ने किया था सो यहूदाह के राजा के समयों के समाचार को पुस्तक में लिखा नहीं है। ६ सेर यलयकौन ने अपने पितरों में शयन किया और उस का बेटा यहयकीम उस की सन्ती राज्य पर बैठा ॥ ७। और मिस्र का राजा अपने देश से फेर बाहर न गया क्यों कि बाबुल के राजा ने मित्र की नदी फरात की नदी लो मिस्र के राजा का सब कुछ ले लिया॥ ८॥ यहूयकीन जब राज्य करने लगा तब अठारह बरस का था और यरूसलम में उस ने तीन मास राज्य किया और उसकी माता का नाम महूमता था जो यरूसनम दूसनतन की बेटौथी। । और उन सब के समान जो उम के पिता ने किया था परमेश्वर की दृष्टि में उस ने बुराई किई ॥ १० । उस समय में बाबुल के राजा नखुदनज़र के सेवक यरूसलम पर चढ़ गये और नगर घेरा गया। ११ । और बाबुल का राजा नखुद- नज़र नगर के विरोध में आया और उस के सेवकों ने उसे घेर लिया। १२। तब यहूदाह का राजा यलयकौन और उम को माता और उस के सेवक और उस के प्रधान और उस के नपुंसक बाबुल के राजा के पान बाहर गये और बाबुक्ष के राजा ने अपने राज्य के आठवें बरस उसे लिया। १३। और परमेश्वर के मन्दिर का मारा भंडार और