पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/१०७

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सहारनपुर के ज़िले के एक गाँव में एक स्त्री के बच्चा नहीं होता था। स्त्री अग्रवाल वैश्य जाति की थी और सम्पन्न घर की थी। उसने स्याने को बुलाया, उसने हिसाब किताब देख भाल कर कहा किसी के छप्पर में आग लगा दे तो देवता प्रसन्न होकर पुत्र हो जायगा। उसने एक दिन अवसर पाकर दुपहरी में एक ग़रीब के झोंपड़े में आग लगा दी जिस ने आधा गाँव भस्म कर दिया। कई पशु और आदमी भी जल गये।

कुछ दिन पूर्व बुलन्दशहर को कोर्ट में एक नीच जाति की स्त्री ऐसे ही अपराध में गिरफ्तार की गई थी उसने एक स्याने के कहने से छः घरों में निरन्तर आग लगाई अन्त में पकड़ी गई और उसे दण्ड दिया गया।

एक इसी प्रकार की आग की घटना अनूपशहर के पास हमने स्वयं देखी थी कि जिस से सारा गाँव भस्म हो गया था उसमें ५ गायें, २ बैल, ६ पशुओं के बच्चे, २ स्त्रियाँ तथा १ बालक जल मरा था। अन्य नुकसान की गणना पृथक्।

बच्चों की चुपचाप हत्यायें भी प्रायः ऐसे मामलों में होती रहती हैं।

ज़िला मुज़फ्फरनगर के एक कस्बे में कुछ दिन पूर्व एक रोमाञ्चकारी घटना हो गई थी। वहाँ के एक सम्पन्न प्रतिष्ठित जैन परिवार में सन्तान नहीं होती थी। किसी स्याने ने स्त्री को बता दिया कि यदि वह छः खूनों में स्नान करे तो उसे पुत्र होगा। वह स्त्री और उसका पति श्वसुर आदि पूरा कुटुम्ब इस भयानक